डॉ. अब्दुल कलाम। ये हम सब जानते हैं कि वो इस युग के महानायक थे । उनका जीवन हमारे लिए किसी अनमोल रत्न से कम नही था। उन्होंने हमेशा ही हमें सपने देखना और उसे जीना सिखाया। उन्होंने अपने जीवन का एक.एक पल भारत के उन्नति के लिए दिया। वह सिर्फ़ भारत के मिसाइल कार्यक्रम के पिता ही नहीं थे बल्कि हमारे देश के सबसे प्यारे राष्ट्रपतियों में से एक थे। परंतु जब आप रामेश्वरम में उनकी समाधि की दुर्दशा देखेंगे तो ज़रूर आपका दिल भर आएगा। समाधि स्थल पर पशु पक्षी कुत्ते वही समाधि स्थल पर
मिल जायेगे । जो देश की शान थे । जिन्होंने देश को अपना सर्वस्व दिया उनकी समाधि को देखकर
शर्म सी आती है और मैंने न्यूज पेपर में ये भी पढ़ा था कि उनके समाधि स्थल को समारक बनायेगें ।
पर अभी तक मुझे लगता है शायद इसका अभी बजट पास ना हुआ हो । शायद उनकी पुण्य तिथि आ रही
है शायद अब बजट पास हो जाये क्यूकि आजकल सब देशभक्तों को या तो जन्मदिन या फिर मरणदिन पर
ही याद करते है । शायद जिन्हें हम भूल गये है वो याद आ जाये ।