आज भारत देश में शिक्षा उन्नति में सबसे ज्यादा योगदान दे रही है आज शायद 95 प्रतिशत लोग शिक्षित है
शिक्षा के लिये प्रशासन भी बहुत सर्तक है उसके लिये प्रशासन ने सरकारी स्कूल बना रखे है जिनमें बहुत कम
फिस में बच्चे पढ़ सकते है किताबें भी फ्री उपलब्ध करा रखी है पर क्या सही शिक्षा सबको मिल पा रही है
इसका ध्यान कोई नहीं रखता । आज ना जानें कितने प्राईवेट स्कूल है कोचिंग है जहां शिक्षा का व्यापार हो
रहा है वैसे आजके समय में देखा जायें तो शिक्षा सिर्फ उच्च वर्ग के लिये है जो कि इन स्कूलों की फिस भर
सकते है मिडिल क्लास भी अपनें बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिये हाई स्क्ूल में ही डालना चाहता है और
वो डालता भी है और उसे हाई एजूकेशन देने के लिये दिन रात मेहनत करता है क्यूंकि शिक्षा आजकल बजट
के बाहर हो गई । पहले हमारे देश का नारा था हम दो हमारे दो । आजकल ये नारा चेंन्ज हो गया है । हम दो
हमारा एक । क्यूंकि मिडिल क्लास 1 बच्चें की अच्छी परवरिश और अच्छी शिक्षा के लिये अपना सब कुछ दांव पर लगा देता है दूसरें बच्चें को तो वाे चाहकर भी अफोर्ड नहीं कर सकता । क्यूंिक शायद शिक्षा का स्तर बहुत
बढ़ गया है यही कहना शायद ठीक होगा । और बात रही लो क्लास की तो अच्छे प्राईवेट स्कूलों को तो अफोर्ड
कर ही नहीं सकते वो अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में भेजते है वहां उन्हें कैसी शिक्षा मिलती होगी शायद
आप भी जानते है सबसे पहले तो सरकारी स्कूल किसी खण्डर के कम नजर नहीं आते । और कुछ आते भी
है तो वहां शिक्षा का स्तर इतना ऊँचा नहीं है जो कि प्राईवेट स्कूलों से कम्पेयर कर पायें । इसीलिए शिक्षा भी
आजकल हाईक्लास वालों के लिये है मिडिल क्लास हाई क्लास एजूकेशन देने के लिये पिस रहा है
और लो क्लास जो उसे मिल रहा है उसी में खुश है । शिक्षा भी आज के टाईम में अमीरों की जाहगीर से कम
नहीं है । फिर भी हमारा देश तरक्की कर रहा है ।