एक व्यक्ति ने एक महात्मा से पूछा........
मेरे कर्मचारी, मेरी पत्नी मेरे बच्चे और सभी दुनिया के लोग स्वार्थी हैं, कोई भी सही नहीं हैं क्या करूं?
महात्माजी थोडा मुस्कुराये और उसे एक कहानी सुनाई...
एक शहर में एक विशेष कमरा था जिसमे 1000 शीशे लगे हुए थे, एक छोटा लड़का उस कमरे में गया और खेलने लगा, उसने देखा 1000 बच्चे उसके साथ खेल रहे है और वो उनके प्रतिबिम्ब से दिखाई देने वाले बच्चो के साथ खुश रहने लगा, जेसे ही वो अपने हाथ से ताली बजाता सभी बच्चे उसके साथ ताली बजाते, उसने सोचा यह दुनिया की सबसे अच्छी जगह है यहां वह सबसे ज्यादा खुश रह सकता है और यहां बार बार आना चाहेगा...
थोड़ी देर बाद इसी जगह पर कहीं से एक उदास इन्सान आया, उसने अपने चारो तरफ हजारो दुख से भरे चेहरे देखे, वह बहुत दुखी हुवा और उसने हाथ उठा कर सभी को धक्का लगाकर हटाना चाहा, तो उसने देखा हजारों हाथ उसे धक्का मार रहे है, उसने कहा यह दुनिया की सबसे खराब जगह है, यहां दुबारा कभी नहीं आएगा और उसने वो जगह छोड़ दी...
इसी तरह यह दुनिया एक कमरा है, जिसमे हजारों शीशे लगे हुए है, जो कुछ भी हमारे अंदर भरा होता है वो ही प्रकृति हमे लौटा देती है, अपने मन और दिल को साफ़ रखें तब यह दुनिया हमारे लिए स्वर्ग की तरह ही है...