shabd-logo

बाल दिवस

14 नवम्बर 2022

26 बार देखा गया 26


article-image

हर वर्ष 14 नवम्बर को वर्तमान भारत के निर्माता पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। 'बाल दिवस' बाल कल्याण संस्थाओं, सामाजिक संगठनों, केंद्रीय तथा प्रांतीय सरकारोँ को बाल कल्याण की ओर ध्यान दिलाने, स्मरण कराने का पुनीत दिवस है। बच्चोँ को उनके कर्तव्य और अधिकारों के प्रति जागरूक करना करना इसका उद्देश्य है। कहा जाता है कि पंडित नेहरू अपने जन्मदिन के दिन राजनीति के उलझनों, षड्यंत्रों तथा विवादों से दूर रहकर बच्चों की मुस्कुराहटों के बीच बिताते थे।  इस दौरान उन्हें बच्चों के साथ बच्चा बनना अच्छा लगता था। हर वर्ष अपने जन्मदिन को बच्चों के साथ बिताने से सभी बच्चे उन्हें ' चाचा नेहरू' कहने लगे तो चाचा-भतीजे का यह प्यारा दिन 'बाल दिवस' नाम से मनाया जाने लगा।

बाल दिवस के दिन स्कूलों में शिक्षक बच्चों को पढ़ाते नहीं हैं।  इस दिन विद्यार्थी शिक्षक बनाकर पढ़ाने का कार्य करते हैं। शिक्षक बनाने का उद्देश्य बच्चों में गुरु भावना को जाग्रत करना और उन्हें उनके दायित्वों का बोध करवाना होता है। इस दिन स्कूलों में सांस्कृतिक कार्यक्रम और खेलकूद प्रतियोगिता आयोजित की जाती हैं।  इस दिन लोक-नृत्य, संगीत, एकांकी अभिनय की रंगारंग प्रस्तुतियाँ बच्चों के द्वारा प्रदर्शित की जाती हैं। इस दिन बच्चोँ को उनकी साहसिक वीरता  पुरस्कृत किये जाने की घोषणा की जाती हैं।

बाल दिवस के दिन स्कूलों के साथ ही कई सामाजिक संस्थाएं खेल-कूद प्रतिस्पर्धा, वाद-विवाद गोष्ठियां, अंत्याक्षरी, नृत्य-संगीत, निबंध, चित्रकला आदि  प्रतियोगिताएं आयोजित करते हैं और विजयी बालक-बालिकाओं को सम्मानित और पुरस्कृत करते हैं। कई सस्थाएं इस दिन गरीब बच्चोँ को स्कूली गणवेश, पुस्तकें एवं लेखन सामग्री भेंट करते हैं। बाल दिवस राष्ट्र के भविष्य के कर्णधारों में सद्गुणों के बीज बोने का दिन हैं इसलिए इस दिन बच्चोँ को राजनीतिज्ञों से दूर रखते हुए शिक्षविदोँ, साहित्यकारों और पत्रकारों के उपस्थिति में मनाया जाना चाहिए, जिससे उनमें सुशिक्षा, प्रेम, निश्छल- व्यवहार के बीज अंकुरित होकर पुष्पित हो सके और राष्ट्र का गौरव बने।

16
रचनाएँ
कुछ अनसुलझे मुद्दे (दैनन्दिनी माह नवम्बर, 2022)
0.0
इस माह की दैनंदिनी में प्रस्तुत है 5जी तकनीकी के लाभ और प्रभाव। हमारी भारतीय उत्सवधार्मी समाज में तुलसी विवाह की कथा। आधुनिक बदलती शिक्षा प्रणाली के साथ ही देश में व्याप्त कुछ अनसुलझे मुद्दों आरक्षण, भ्रष्टाचार, ऑनर किलिंग, महिला हिंसा, धार्मिक मतभेद, आतंकवाद और प्राकृतिक संसाधनों के दोहन पर विचार मंथन।
1

5जी तकनीक : लाभ और प्रभाव

3 नवम्बर 2022
5
9
1

कम्प्यूटर की तरह ही पीढ़ी-दर-पीढ़ी मोबाइल में निरंतर तकनीकी में पीढ़ीगत सुधार की प्रक्रिया जारी है। पहली पीढ़ी की बाद आज हम पांचवीं पीढ़ी (5जी) प्रौद्योगिकी के दोहन के लिए खुद को तैयार करने में जुटे हैं।

2

देवउठनी एकादशी (तुलसी विवाह)

4 नवम्बर 2022
3
8
1

         हमारे भारतीय समाज में दीपावली के ग्यारह दिन बाद देवउठनी एकादशी (तुलसी विवाह) मनाने की सुदीर्घ परंपरा है।  इस विषय में अलग-अलग क्षेत्रों में इसे मनाये जाने के पीछे अपनी-अपनी मान्यताएं व लोक

3

आरक्षण का मुद्दा

9 नवम्बर 2022
3
9
0

हमारे भारत में आरक्षण के सम्बन्ध में सर्वप्रथम भारतीय संविधान के अनुच्छेद ३४० के अधीन प्रथम आयोग का गठन २९ जनवरी १९५३ को तत्कालीन राष्ट्रपति के आदेश पर "काका कालेकर आयोग" नाम से हुआ।  इस आयोग ने ३० मा

4

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस

11 नवम्बर 2022
3
6
2

हमारे देश में 11 सितंबर 2008 को केन्द्र सरकार द्वारा देश के महान स्वतंत्रता सेनानी, विद्वान और प्रख्यात शिक्षाविद् अबुल कलाम आजाद की जयंती को 'राष्ट्रीय शिक्षा दिवस' के रूप में मनाये जाने की घोषणा की

5

भ्रष्टाचार : समस्या और निदान

12 नवम्बर 2022
2
3
0

वर्तमान युग में हमारे देश में अधिकांश लोगों के लिए भ्रष्टाचार सर्वश्रेष्ठ साधन बना हुआ है। भ्रष्ट आचरण का अर्थ ऐसे आचरण और गतिविधि से है, जो आदर्शों, मूल्यों, परम्पराओं, संवैधानिक मान्यताओं और नियम व

6

बाल दिवस

14 नवम्बर 2022
3
8
0

हर वर्ष 14 नवम्बर को वर्तमान भारत के निर्माता पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। 'बाल दिवस' बाल कल्याण संस्थाओं, सामाजिक संगठनों, केंद्रीय तथा प्रांतीय सरकारोँ क

7

मनुष्य की इच्छाऐं कभी खत्म नहीं होती हैं

18 नवम्बर 2022
4
6
0

सामान्यतः एक मनुष्य को सामान्य जीवन जीने के लिए रोटी, कपडा और मकान की आवश्यकता पड़ती है। जहाँ बहुत से लोगों का जीवन संघर्ष इन्हीं तीन आवश्यकताओं की पूर्ति के इर्द-गिर्द घूमता रहता है। हर मनुष्य की इच्छ

8

ऑनर किलिंग

22 नवम्बर 2022
0
2
0

आज भले ही हम हमारे समाज को बहुत विकसित समझते हैं , लेकिन वास्तव में आज भी कई समाज के परिवार पढ़-लिखने के बाद भी जात-पात, ऊंच-नीच के भेद भाव से ऊपर नहीं उठ पाए हैं।  वे समाज के झूठे दिखावे के चक्कर में

9

जैव ईंधन

23 नवम्बर 2022
1
4
0

अमेरिका, चीन और यूरोपीय संघ के बाद भारत चौथा सबसे बड़ा ऊर्जा खपत वाला देश है। इस ऊर्जा खपत की पूर्ति का महत्वपूर्ण हिस्सा तेल बड़े पैमाने पर आयात पर निर्भर है। विश्व स्तर पर ऊर्जा खपत में भारत की हिस्

10

आज प्राकृतिक संसाधनों का दोहन रोकना जरुरी है

24 नवम्बर 2022
0
3
0

प्रकृति द्वारा मानवों को निःशुल्क प्रदाय की गयी वस्तुओं को हम प्राकृतिक संसाधन कहते हैं। इनमें भूमि, मिट्टी, जल, वन, खनिज, समुद्री साधन, जलवायु, वर्षा आदि प्राकृतिक संसाधन कहलाते हैं। इन्हें मनुष्य अप

11

अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस

25 नवम्बर 2022
1
9
0

माना जाता है कि 25 नवंबर 1960 को डोमिनिक शासक रैफेल टुजिलो की तानाशाही का विरोध करने पर पैट्रिया मर्सिडीज, मारिया अर्जेटीना और एंटोनियो मारिया टेरेसा को शासक द्वारा बेरहमी से मार दिया गया, जिसके बाद 1

12

26/11 मुम्बई आतंकी हमले की याद

26 नवम्बर 2022
1
6
0

14  वर्ष पहले 26 नवंबर 2008 को लश्कर-ए-तैयबा के प्रशिक्षित और भारी हथियारों से लैस दस चरमपंथियों ने मुंबई की दो पाँच सितारा होटलों, एक अस्पताल, रेलवे स्टेशनों और एक यहूदी केंद्र को निशाना बनाकर चार दि

13

आपसी धार्मिक सद्भाव जरुरी है

27 नवम्बर 2022
2
7
1

धर्म को मानव की आत्मा, आध्यात्मिक अवस्थाओं का परीक्षक, निरीक्षक, विद्या और संस्कृति का वाहक माना जाता है, जो जीवन को चलाने वाले श्रेष्ठ सिद्धांतों का समूह है। आधुनिक विचारकों का मत है कि जहाँ विज्ञान

14

शिक्षा का बाजारीकरण

28 नवम्बर 2022
1
3
1

           कभी स्कूल में संस्कृत की पुस्तक में विद्या रुपी धन के महत्ता के बारे गुरूजी एक श्लोक का खूब रट्टवाते थे कि-  "न चौर्यहार्यं न च राजहार्यं न भ्रातृभाज्यं न च भारकारि। व्यये कृते वर्धते एव

15

मीडिया की स्वतंत्रता

29 नवम्बर 2022
1
4
0

प्रिंट मीडिया हो या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया इसे विश्व की वर्तमान स्थिति का दर्पण और लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ माना जाता है। क्योँकि इनके माध्यम से ही हमें देश-विदेश में घटित होने वाली घटनाओं का पता चलता है।

16

ये तेरा पैसा-मेरा पैसा

30 नवम्बर 2022
1
5
1

आज का दैनिक लेखन का टैग है- सरकार और न्यायपालिका।  सभी जानते हैं कि प्रजातंत में जनता द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधि सरकार बनाकर चलाते हैं। सरकार व्यवस्थापिका या विधायिका और कार्यपालिका द्वारा क़ानून  निर्

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए