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जैव ईंधन

23 नवम्बर 2022

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अमेरिका, चीन और यूरोपीय संघ के बाद भारत चौथा सबसे बड़ा ऊर्जा खपत वाला देश है। इस ऊर्जा खपत की पूर्ति का महत्वपूर्ण हिस्सा तेल बड़े पैमाने पर आयात पर निर्भर है। विश्व स्तर पर ऊर्जा खपत में भारत की हिस्सेदारी 2050 तक दोगुनी होने की संभावना बताई जा रही है। ऊर्जा की बढ़ती मांग और आयात पर उच्च निर्भरता महत्वपूर्ण ऊर्जा सुरक्षा चुनौतियां खड़ी करती है। इससे जहाँ एक ओर बड़े पैमाने पर विदेशी मुद्रा बाहर जाती हैं वहीँ दूसरी ओर जीवाश्म ईंधन के अत्यधिक उपयोग से उच्च कार्बन उत्सर्जन और उससे उत्पन्न स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं प्रमुख रूप से सामने आती है।  इसी चिंता को ध्यान में रखते हुए आज इस क्षेत्र में सरकार द्वारा हमारे परंपरागत जैव ईंधन के उपयोग करने के लिए लोगों को जागरूक करते हुए लघु उद्योग लगाने के लिए ऋण देकर प्रोत्साहित किया जा रहा है।  

जैव ईंधन को ऊर्जा का सबसे अच्छा महत्वपूर्ण स्रोत माना जाता है। इसका हमारे देश के कुल ईंधन उपयोग में एक-तिहाई योगदान है। कृषि प्रधान देश होने से  हमारे देश में इसकी खपत पूर्ति  कृषि अवशेष, लकड़ी, कोयला और सूखे गोबर के माध्यम से किये जाने की अपार संभावनाएं हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में तो आज भी व्यापक पैमाने में जैव ईंधन का उपयोग खाना बनाने और उष्णता प्राप्त करने में किया जाता है।  इसी ऊर्जा खपत को बढ़ावा देने के लिए वनों से मिलने वाली लकड़ी के स्थान पर आज  ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वाधिक गोबर से बने उत्पाद देखने को मिल रहे हैं। आज स्थिति यह है कि लकड़ी के कमी के कारण शहरों में कोयले और लकड़ी के स्थान पर गोबर से बनी लकड़ी, जिसे गोकाष्ठ कहा जाता है, सर्वाधिक उपयोग की जा रही है। क्योँकि इससे हमारे पर्यावरण को नुक्सान नहीं होता है, इसलिए इसका उपयोग आज शहरों में सर्वाधिक हो रहा है। पिछले कई वर्ष से शहरों में इसका उपयोग धार्मिक कर्मकांडों जैसे- यज्ञ, हवन, पूजा आदि में किया जाने लगा है।  इसके साथ ही आज इसकी शहरों के विश्राम घाटों में सर्वाधिक खपत हमेशा बनी रहती है। यह लकड़ी के कमी को तो पूरा करता ही है साथ ही इसका मूल्य भी कम होने से इसकी खपत अधिक है।  यह पर्यावरण को शुद्ध रखने में सहायक है इसलिए आज इसकी ईंट,  प्राकृतिक प्लास्टर और पेंट भी निर्मित किया जाने लगा है।  जीवाश्म ईंधन की तुलना में जैव उर्जा  एक स्वच्छ ईंधन है। एक प्रकार से जैव ईंधन, कार्बन डाई-ऑक्साइड का अवशोषण कर हमारे परिवेश को भी स्वच्छ रखता है। आज जैव ऊर्जा का बेहतर ढंग से उपयोग देखने को मिलता है जिससे कई तरह की कठिनायें आसान हुई हैं।  विकसित डिज़ाईन के धुँआ रहित ऊर्जा चूल्हा आ गए हैं, जो क्षमता को दोगुणा करते हैं।  बायो मास को कम्प्रेस करते हुए ब्रिकेट के रूप में बनाया जा रहा है, जिससे कम स्थान में वह अधिक प्रभावी ढ़ग से कार्य करने में सक्षम हैं।  जैव वस्तुओं को एनारोबिक डायजेशन के माध्यम से बायोगैस में रूपांतरित कर  ईंधन पूर्ति के साथ खेतों को घुलनशील खाद भी उपलब्ध करना संभव हो रहा है।

वर्तमान में संपूर्ण विश्व ऊर्जा क्षेत्र में परिवर्तन की गति को तेज़ करने के माध्यमों की तलाश में जुटा है।  ऐसे में भारत निम्न-कार्बन आधारित समावेशी विकास के लिये नवीन मॉडल विकसित करने की ओर अग्रसर है। जहाँ इस दिशा में  गन्‍ने का रस, शुगर वाली वस्‍तुओं जैसे- चुकंदर, स्‍वीट सोरगम, स्‍टार्च वाली वस्तुएँ जैसे– कॉर्न, कसावा, मनुष्‍य के उपभोग के लिये अनुपयुक्त बेकार अनाज जैसे गेहूँ , टूटा चावल, सड़े हुए आलू के इस्‍तेमाल की अनुमति देकर इथेनॉल उत्‍पादन के लिये कच्‍चे माल के दायरे को विस्तृत करने का प्रयास किया गया है। जिसके लिए राष्ट्रीय जैव ईंधन समन्वय समिति के अनुमोदन से पेट्रोल के साथ सम्मिश्रण के लिये इथेनॉल के उत्पादन हेतु अधिशेष खाद्यान्न के उपयोग की अनुमति प्रदान की गयी है।  

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रचनाएँ
कुछ अनसुलझे मुद्दे (दैनन्दिनी माह नवम्बर, 2022)
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इस माह की दैनंदिनी में प्रस्तुत है 5जी तकनीकी के लाभ और प्रभाव। हमारी भारतीय उत्सवधार्मी समाज में तुलसी विवाह की कथा। आधुनिक बदलती शिक्षा प्रणाली के साथ ही देश में व्याप्त कुछ अनसुलझे मुद्दों आरक्षण, भ्रष्टाचार, ऑनर किलिंग, महिला हिंसा, धार्मिक मतभेद, आतंकवाद और प्राकृतिक संसाधनों के दोहन पर विचार मंथन।
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5जी तकनीक : लाभ और प्रभाव

3 नवम्बर 2022
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कम्प्यूटर की तरह ही पीढ़ी-दर-पीढ़ी मोबाइल में निरंतर तकनीकी में पीढ़ीगत सुधार की प्रक्रिया जारी है। पहली पीढ़ी की बाद आज हम पांचवीं पीढ़ी (5जी) प्रौद्योगिकी के दोहन के लिए खुद को तैयार करने में जुटे हैं।

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देवउठनी एकादशी (तुलसी विवाह)

4 नवम्बर 2022
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         हमारे भारतीय समाज में दीपावली के ग्यारह दिन बाद देवउठनी एकादशी (तुलसी विवाह) मनाने की सुदीर्घ परंपरा है।  इस विषय में अलग-अलग क्षेत्रों में इसे मनाये जाने के पीछे अपनी-अपनी मान्यताएं व लोक

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आरक्षण का मुद्दा

9 नवम्बर 2022
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हमारे भारत में आरक्षण के सम्बन्ध में सर्वप्रथम भारतीय संविधान के अनुच्छेद ३४० के अधीन प्रथम आयोग का गठन २९ जनवरी १९५३ को तत्कालीन राष्ट्रपति के आदेश पर "काका कालेकर आयोग" नाम से हुआ।  इस आयोग ने ३० मा

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राष्ट्रीय शिक्षा दिवस

11 नवम्बर 2022
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हमारे देश में 11 सितंबर 2008 को केन्द्र सरकार द्वारा देश के महान स्वतंत्रता सेनानी, विद्वान और प्रख्यात शिक्षाविद् अबुल कलाम आजाद की जयंती को 'राष्ट्रीय शिक्षा दिवस' के रूप में मनाये जाने की घोषणा की

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भ्रष्टाचार : समस्या और निदान

12 नवम्बर 2022
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वर्तमान युग में हमारे देश में अधिकांश लोगों के लिए भ्रष्टाचार सर्वश्रेष्ठ साधन बना हुआ है। भ्रष्ट आचरण का अर्थ ऐसे आचरण और गतिविधि से है, जो आदर्शों, मूल्यों, परम्पराओं, संवैधानिक मान्यताओं और नियम व

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बाल दिवस

14 नवम्बर 2022
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हर वर्ष 14 नवम्बर को वर्तमान भारत के निर्माता पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। 'बाल दिवस' बाल कल्याण संस्थाओं, सामाजिक संगठनों, केंद्रीय तथा प्रांतीय सरकारोँ क

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मनुष्य की इच्छाऐं कभी खत्म नहीं होती हैं

18 नवम्बर 2022
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सामान्यतः एक मनुष्य को सामान्य जीवन जीने के लिए रोटी, कपडा और मकान की आवश्यकता पड़ती है। जहाँ बहुत से लोगों का जीवन संघर्ष इन्हीं तीन आवश्यकताओं की पूर्ति के इर्द-गिर्द घूमता रहता है। हर मनुष्य की इच्छ

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ऑनर किलिंग

22 नवम्बर 2022
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आज भले ही हम हमारे समाज को बहुत विकसित समझते हैं , लेकिन वास्तव में आज भी कई समाज के परिवार पढ़-लिखने के बाद भी जात-पात, ऊंच-नीच के भेद भाव से ऊपर नहीं उठ पाए हैं।  वे समाज के झूठे दिखावे के चक्कर में

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जैव ईंधन

23 नवम्बर 2022
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अमेरिका, चीन और यूरोपीय संघ के बाद भारत चौथा सबसे बड़ा ऊर्जा खपत वाला देश है। इस ऊर्जा खपत की पूर्ति का महत्वपूर्ण हिस्सा तेल बड़े पैमाने पर आयात पर निर्भर है। विश्व स्तर पर ऊर्जा खपत में भारत की हिस्

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आज प्राकृतिक संसाधनों का दोहन रोकना जरुरी है

24 नवम्बर 2022
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प्रकृति द्वारा मानवों को निःशुल्क प्रदाय की गयी वस्तुओं को हम प्राकृतिक संसाधन कहते हैं। इनमें भूमि, मिट्टी, जल, वन, खनिज, समुद्री साधन, जलवायु, वर्षा आदि प्राकृतिक संसाधन कहलाते हैं। इन्हें मनुष्य अप

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अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस

25 नवम्बर 2022
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माना जाता है कि 25 नवंबर 1960 को डोमिनिक शासक रैफेल टुजिलो की तानाशाही का विरोध करने पर पैट्रिया मर्सिडीज, मारिया अर्जेटीना और एंटोनियो मारिया टेरेसा को शासक द्वारा बेरहमी से मार दिया गया, जिसके बाद 1

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26/11 मुम्बई आतंकी हमले की याद

26 नवम्बर 2022
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14  वर्ष पहले 26 नवंबर 2008 को लश्कर-ए-तैयबा के प्रशिक्षित और भारी हथियारों से लैस दस चरमपंथियों ने मुंबई की दो पाँच सितारा होटलों, एक अस्पताल, रेलवे स्टेशनों और एक यहूदी केंद्र को निशाना बनाकर चार दि

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आपसी धार्मिक सद्भाव जरुरी है

27 नवम्बर 2022
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धर्म को मानव की आत्मा, आध्यात्मिक अवस्थाओं का परीक्षक, निरीक्षक, विद्या और संस्कृति का वाहक माना जाता है, जो जीवन को चलाने वाले श्रेष्ठ सिद्धांतों का समूह है। आधुनिक विचारकों का मत है कि जहाँ विज्ञान

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शिक्षा का बाजारीकरण

28 नवम्बर 2022
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           कभी स्कूल में संस्कृत की पुस्तक में विद्या रुपी धन के महत्ता के बारे गुरूजी एक श्लोक का खूब रट्टवाते थे कि-  "न चौर्यहार्यं न च राजहार्यं न भ्रातृभाज्यं न च भारकारि। व्यये कृते वर्धते एव

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मीडिया की स्वतंत्रता

29 नवम्बर 2022
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प्रिंट मीडिया हो या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया इसे विश्व की वर्तमान स्थिति का दर्पण और लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ माना जाता है। क्योँकि इनके माध्यम से ही हमें देश-विदेश में घटित होने वाली घटनाओं का पता चलता है।

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ये तेरा पैसा-मेरा पैसा

30 नवम्बर 2022
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आज का दैनिक लेखन का टैग है- सरकार और न्यायपालिका।  सभी जानते हैं कि प्रजातंत में जनता द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधि सरकार बनाकर चलाते हैं। सरकार व्यवस्थापिका या विधायिका और कार्यपालिका द्वारा क़ानून  निर्

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