बीते कुछ सालों में भारत में कई अजीबोग़रीब बातें-घटनाएं हुई हैं जिसने कुछ
वक्त के लिए सही लोगों को चौंका दिया है| विश्व-मंच और सोशल मीडिया पर भी इनकी
काफी चर्चा की गई है। आइये डालें इन पर एक खास नज़र:
1. ताजमहल का दूसरा सच!
यूं तो ताजमहल मुगल शासन की बेहतरीन उपलब्धि के तौर पर जाना जाता है और इसे
प्यार का बेजोड़ प्रतीक भी कहते हैं जिसे 17वीं सदी में शाहजहां
ने अपनी पत्नी मुमताज की याद में बनवाया था। लेकिन इससे जुड़ी एक विवादास्पद बात भी
है| दरअसल 2007 में भारतीय लेखक और प्रोफेसर पुरुषोत्तम ओक ने अपने सिद्धांत में कहा था कि
ताजमहल भगवान शिव का मंदिर हुआ करता था। उन्होंने अपने पक्ष में कई तथ्य भी रखे, हालाँकि भारत सरकार ने
उनके तथ्यों को खारिज कर दिया है। इस बाबत दिसंबर 2015 में भारत के केंद्रीय
संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने भी कहा- 'सरकार को ताजमहल के हिंदू मंदिर होने के दावे से जुड़ा कोई सबूत नहीं मिला है।' ज्ञात हो कि आगरा के छह वकीलों ने भी पिछले साल याचिका दायर करते हुए कहा था कि ताजमहल एक
समय में हिंदुओं का शिव मंदिर था और इसे हिंदुओं को सौंप दिया जाना चाहिए।
2. मौत के बाद भी सैनिक
ने की देश की रक्षा?
हिमालय क्षेत्र में भारत-चीन सीमा के पास 'नाथुला-दर्रा' है। यहां 4 अक्टूबर 1968 को बाबा हरभजन सिंह नाम के सैनिक
की मौत हो गई। दरअसल बर्फ में आई दरार की वजह से वे नदी में गिर गए थे। तब उनकी
उम्र सिर्फ 27 साल थी। 3 दिन बाद उनका शरीर नदी में 2 किलोमीटर दूर मिला था| सूत्रों के
अनुसार इसके बाद वे साथी
सैनिकों के सपनों में आए और सैनिकों से उस जगह पर पवित्र स्थल बनाने को कहा।
सैनिकों ने सपने को गंभीरता से लिया और वहां मेमोरियल का निर्माण कर दिया। इसके
बाद स्थानीय लोग इस जगह को पवित्र मानने लगे। इतना ही नहीं, मौत के बाद भी भारतीय सेना में वे अपने पद पर बने रहे और उनका प्रमोशन भी होता
रहा। भारतीय सैनिक ऐसा मानते रहे कि बाबा हरभजन उनकी रक्षा करते हैं। वहां होने
वाली मीटिंग में भी उनके लिए एक खाली कुर्सी छोड़ दी जाती है। सैनिकों के मुताबिक, किसी भी घटना से तीन दिन पहले बाबा इसकी जानकारी सपने द्वारा दे देते हैं|
3. 1940 से बिना खाना-पानी के
रहे जिंदा?
गुजरात में रहने वाले प्रह्लाद माताजी नाम के साधु दावा करते हैं कि उन्होंने 1940 से न कुछ खाया है और न पिया है। 2010 में उनके ऊपर 3 कैमरे लगाए गए और 24 घंटे निगरानी भी रखी गई। लेकिन
इसमें कुछ भी संदेहास्पद नहीं पाया गया। इससे कई लोग ये मानने लगे कि वे सिर्फ
ऑक्सीजन और रोशनी से जिंदा रहते हैं। हालांकि, उनके दावे को वैज्ञानिक तौर से मान्यता नहीं मिली है|
4. महिला का हुआ पुनर्जन्म?
शांति देवी का जन्म 1930 में एक खुशहाल परिवार में दिल्ली
में हुआ था। हालांकि, वह ज्यादा समय तक खुश नहीं रह सकीं।
जब वह चार साल की थी, तब से जिद्द करने लगीं कि उसके
माता-पिता कोई और हैं। शांति देवी ने दावा किया कि एक बच्चे को जन्म देते समय उनकी
मौत हो गई थी और उन्होंने अपने पति तथा परिवारजनों के बारे में काफी जानकारियां भी
दीं| अज़ब यह भी कि जब शांति देवी के पिता ने उसके दावों के बारे में पता किया तो
वे सारे सच निकले। एक महिला का नाम लुडगी देवी था और बच्चे को जन्म देते समय उसकी
मौत हो गई थी। परिवार के लोगों को सबसे अधिक आश्चर्य तब हुआ जब शांति देवी ने समय
और शहर का नाम एकदम सटीक बताया। जब वह अपने पूर्वजन्म के पति से मिलीं तो उसने उसे
पहचान लिया|
5. सम्राट अशोक ने बनाई
थी 9 लोगों की रहस्यमय
सोसाइटी?
इतिहास की रहस्यमय चीजों में सम्राट अशोक की 9 लोगों की एक सोसायटी का जिक्र सामने आता है। इसे द नाइन अननोन के नाम से भी
जाना जाता है। सम्राट अशोक ने 273 ई.पू. में इस कथित शक्तिशाली
लोगों की सोसाइटी की नींव रखी थी। इस सोसाइटी का निर्माण कलिंग के युद्ध में 1 लाख से अधिक लोगों की मौत के बाद हुआ था। कहा जाता है कि इन 9 लोगों के पास ऐसी सूचनाएं थीं, जो गलत हाथों में जाने पर खतरनाक
साबित हो सकती थीं। इनमें प्रोपेगंडा सहित माइक्रोबायोलॉजी से संबंधित किताबें थी।
कुछ किताबों के बारे में कहा जाता है कि इनमें एंटी ग्रेविटी और टाइम ट्रैवल के
गुप्त सिद्धांत भी दर्ज थे। ये 9 लोग विश्व के कई स्थानों में फैले
थे। सबसे आश्चर्य की बात यह भी कि इनमें से कई विदेशी भी थे।
6. 'श्रापित गांव' है कुलधारा?
राजस्थान के जैसलमेर जिले में स्थित है कुलधारा गांव। 500 वर्ष पहले कुलधारा गांव में 1,500 परिवार रहा करते थे।
एक रात वे सभी गायब हो गए। लेकिन न तो इनके मारे जाने और न ही अपहरण होने की कोई
जानकारी सामने आई। इस घटना के पीछे क्या कारण था, इसका पता आज तक नहीं लग सका। हालाँकि लोग इस बारे में कई तरह के
किस्से-कहानियां सुनाते हैं। पुरानी किवदंती के अनुसार कुछ लोगों ने इस गांव पर
अपना अधिकार जमाने की कोशिश की थी। यह गांव आज भी वीरान पड़ा है।
7. जोधपुर के आकाश में
हुआ तेज धमाका?
18 दिसंबर, 2012 को जोधपुर के आकाश में एक अनोखी घटना घटी। जोधपुर के आकाश में एयरप्लेन क्रैश
करने जैसी आवाज सुनाई दी। ऐसे लग रहा था जैसे कि कोई भयानक विस्फोट हुआ हो। लोग इस
तेज आवाज से काफी परेशान हो गए थे। बाद में यह साफ हो गया कि जोधपुर के आकाश में
कोई प्लेन उड़ नहीं रहा था और न ही कोई विस्फोट हुआ था। जोधपुर में हुई इस घटना की
चर्चा दुनिया के कई देशों में भी हुई थी। यह घटना आज भी एक रहस्य है|
8. लद्दाख का द कोंग्का
ला दर्रा में दिखते यूएफओ?
लद्दाख का द कोंग्का ला दर्रा दुनिया के उन इलाकों में है, जिसके बारे में बहुत कम जानकारी मिल पाई है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यह है
कि हिमालय का यह क्षेत्र अत्यंत बर्फीला और दुर्गम है। स्थानीय लोगों और यात्रियों
का दावा है कि यहां यूएफओ का दिखाई देना आम बात है। हालाँकि इन बातों को पहले अधिक
महत्व नहीं दिया गया लेकिन जून 2006 में गूगल के सेटेलाइट से ली गई
फोटो में यहाँ दिखे यूएफओ ने लोगों को चौंका दिया। गौरतलब
है कि यह स्थल भारत और चीन की सीमा पर पड़ता है जो दोनों देशों के बीच सैन्य-विवाद
का विषय भी बन चुका है। वर्तमान में यह नो-मैन्स लैंड घोषित है। दोनों देश इस पर
नजर रखते हैं लेकिन कोई भी देश इस क्षेत्र में पेट्रॉलिंग नहीं करता है।
(साभार:दैनिक भास्कर)