shabd-logo
Shabd Book - Shabd.in

झरोखा यादों का

भारती

10 अध्याय
5 लोगों ने लाइब्रेरी में जोड़ा
32 पाठक
निःशुल्क

इस पुस्तक में मेंने अपने जीवन के कुछ खट्टे कुछ मीठे यादों के पल संजोये हैं ......  

jharokha yaadon ka

0.0(4)


Behtreen collection 👌👌👌👌


बहुत बढ़िया

पुस्तक के भाग

1

त्योहार की यादें

11 नवम्बर 2021
25
14
8

<div>त्योहार आते हैं और यादें पीछे छोड़ जाते हैं । कभी खुशियों की सौगात दे जाते हैं तो कभी दुखद अनुभ

2

600 रूपये बनाने वाली मशीन

15 नवम्बर 2021
15
13
20

<div> "मां मुझे 600 रूपए चाहिए"। स्कूल बस से उतरते हुए अरनव ने श्रद्धा से कहा।</div><div>" क्यो

3

टमाटर चोर

10 मई 2022
1
2
2

"आखिर टमाटर गायब कहाँ हो जातें हैं। " मेरी पडोसिन हैरान-परेशान सोच रही थी। जब तक कच्चे रहते हैं तब तक दिखाई देते हैं। और फिर गायब🤔🤔 हमारा घर आमने-सामने है। उनके घर की पूरी फाउण्डेशन हो रही थी। लेकिन

4

विनेगर की रोटी

10 मई 2022
1
0
0

कुछ दिन पहले की ही बात है। मैं मार्केट गई थी। मुझे थोड़ी देर लग रही थी इसलिए मेने अपनी बेटी को फोन किया और कहा कि मैं लेट हो जाऊंगी तुम खाना बना लेना। 🤳🤳 &nbsp

5

अनौखी बचत

11 मई 2022
1
1
0

बात उस समय की है जब मैं बीकॉम प्रथम वर्ष में पढ़ रही थी ।एक दिन मैं बाजार से मिट्टी की एक गुल्लक ले आई ।मैं उसमें बचत के पैसे डाल देती थी। जब कोई म

6

झूलती मौत

11 मई 2022
2
1
0

जीवन में कभी-कभी ऐसी घटनाएं होती हैं जिन्हें हम कभी नहीं भूल पाते हैं। खासकर वो घटनाएं जिसमें मौत सामने झूलती नजर आए।

7

वो गायब कहाँ हो गया

13 मई 2022
0
1
0

16 अक्टूबर 21 रात का समय था । घड़ी में बारह बजने में पाँच मिनट की देर थी। मैं प्रतिलिपि पर टॉपिक का इंतजार कर रही थी फिर मैंने सोचा टॉपिक आने ही व

8

रहस्यमयी बावड़ी

18 मई 2022
0
1
0

हमारे गाँव में एक बावडी है। बडी सी गोलाकार है । पत्थरों से बनी हुई है। नीचे तक सीढियां बनीं हैं। उसमें जगह जगह कुछ कलाकृतियाँ भी बनीं हैं। बावडी की दीवार पर एक मंदिर नुमा खांचे में मूर्तिया

9

गब्बर सिंह

18 मई 2022
0
1
0

नानी नानी कहानी सुनाओ ।" मेने अपनी नानी से कहा। "अरे!!अबैं नईं। अबैं तो दिन है। रात कों सुनाएंगे। "नानी ने मुझे समझाते हुए कहा। "अभी ही सुना दो ना "मेने नानी से जिद की ।"अरे!!अबैं नईं

10

पैसे गायब हो गये ....

18 मई 2022
0
1
0

काॅलेज के टाइम की बात है। जब मैं बी.काॅम. द्वितीय वर्ष में पढ़ती थी। एक दिन मैं और मेरी सहेली कविता फ्री लेक्चर में कालेज के बगीचे में बैठे बातें कर रहे थे। बातों बातों में

---

किताब पढ़िए