18 सितम्बर 2022
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प्रेम है तो श्रृंगार है विरह है वेदना है पर जो भी है सब दिल के करीब है ...💞 मैं और मेरा प्रेमी ही मेरी कलम है, यूँ तो बहुत बड़ी कवियित्री नही हूं, पर प्रेम को अपने काव्य में रखने का शौक पूरा करती हूं। प्रसिद्ध किताबें :- काव्या की काव्यांजली, नारी जीवन दर्पण, काव्यांशी जीवन के रंग, लफ्ज़ों की लहरें, प्रेम डगर, हाल ए दिल......... आशा है रचनाओं में आप जीवन और प्रेम की वास्तविकता को महसूस करेंगे 🙏 काव्या सोनीD
वाह..बहुत बहुत सुंदर सृजन...शानदार व्याख्या... उत्कृष्ट अभिव्यक्ति आपकी👌👌👌👌👌💐💐💐💐💐
19 सितम्बर 2022
अच्छा खासा कारोबार बना है यह आजकल
18 सितम्बर 2022
चम्पू शैली(गद्य पद्य मिश्रीत) की ये कहन बहुत सुंदर बन पड़ती है , 👌👌💐
18 सितम्बर 2022
काव्य की एक चली आ रही विधा है जिसमें भावनाओं को कविता से और बात को गद्य के रूप में कहा जाए । तो फिर आपकी ये शैली उसके काफी निकट हुई ना ।😊
बहुत बहुत सारगर्भित लिखा आपने काव्या 😊😊🙏
18 सितम्बर 2022