7 सितम्बर 2022
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प्रेम है तो श्रृंगार है विरह है वेदना है पर जो भी है सब दिल के करीब है ...💞 मैं और मेरा प्रेमी ही मेरी कलम है, यूँ तो बहुत बड़ी कवियित्री नही हूं, पर प्रेम को अपने काव्य में रखने का शौक पूरा करती हूं। प्रसिद्ध किताबें :- काव्या की काव्यांजली, नारी जीवन दर्पण, काव्यांशी जीवन के रंग, लफ्ज़ों की लहरें, प्रेम डगर, हाल ए दिल......... आशा है रचनाओं में आप जीवन और प्रेम की वास्तविकता को महसूस करेंगे 🙏 काव्या सोनीD
Kuch logo ka rehta h apne se jyda dusre kya kr rhe hai bs wahi dekhte rehna. ....khair unko unka kam krne do or kya...
7 सितम्बर 2022
हमें गीता के सार- 'कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन' का मर्म समझकर अपना कर्म करते रहना चाहिए। यदि हम ऐसे लोगों को जिन्हें अपने कर्म से ज्यादा दूसरों के कर्मो की चिंता-फ़िक्र कुछ ज्यादा ही रहती है, जिन्हें टांग खिंचाई में मजा आता है, उनकी बातों पर ध्यान देने लगेंगे तो फिर अपना कर्म करने के लिए अपने आगे कदम कैसे बढ़ा पाएंगे? इसलिए ऐसे लोगों की बातों पर क़तई ध्यान नहीं देने में ही भलाई है। ऐसे लोगों की बातों को अपने मनो-मस्तिष्क पर लादकर कोई प्रतिक्रिया देना अपने समय की बर्बादी के अलावा और कुछ नहीं।
7 सितम्बर 2022
Dhanyawad mem aapki bahumuly samiksha padkar accha laga kash ye soch sabhi rakhte 🙏🙏🙏