देखें क्या है राम में, वनवासी श्रीराम में, पुरुषोत्तम श्रीराम में, जनमानस के भगवान में, राम राज उपमा बन जाये ऐसे राजा राम में । देखें क्या है राम में, चलें अयोध्या धाम में, तैयारी हैं जोर
फिर से घर-घर दीप जलेंगे, भू से नभ तक नाद बजेंगे, फिर से लौट अयोध्या देखी, प्रभु ने अपने धाम में । देखें क्या है राम में, चलें अयोध्या धाम में, तैयारी हैं जोर-शोर से, सभी जुटे हैं काम में ।
लेकिन फिर से न्याय मिला है, जन-जन का मन खूब खिला है, राम का मंदिर बन जाये ये, इच्छा थी हर इंसान में । देखें क्या है राम में, चलें अयोध्या धाम में, तैयारी हैं जोर-शोर से, सभी जुटे हैं काम में ।
रामलला का मन्दिर तोड़ा, घूँट-घूँट सब पीते पीड़ा, टेंट खींच कर रात गुजारीं अपने प्यारे श्रीराम ने । देखें क्या है राम में, चलें अयोध्या धाम में, तैयारी हैं जोर-शोर से, सभी जुटे हैं काम में ।
तभी दौर एक ऐसा आया, एक पड़ा आतंकी साया, मंदिर तोड़ा सोच कर ऐसा, घटे आस्था राम में । देखें क्या है राम में, चलें अयोध्या धाम में, तैयारी हैं जोर-शोर से, सभी जुटे हैं काम में । (c)@दीपक कुमार
राम रूप भी, राम ब्रह्म भी, राम सगुण भी और निर्गुण भी, चाहे कोई जैसे सुमिरे, बन जायेंगे काम रे । देखें क्या है राम में, चलें अयोध्या धाम में, तैयारी हैं जोर-शोर से, सभी जुटे हैं काम में ।
सकल विश्व में हुई प्रशंसा, बनी नीतिगत असुरी लंका, वर्ष हजारों पहले बन गया मन्दिर उनके नाम में । देखें क्या है राम में, चलें अयोध्या धाम में, तैयारी हैं जोर-शोर से, सभी जुटे हैं काम में । (c
सब पृथ्वी के राजा राम, आते थे सदैव प्रजा के काम, राम-राज में सभी सुखी थे नीति अनुसरित काम में । देखें क्या है राम में, चलें अयोध्या धाम में, तैयारी हैं जोर-शोर से, सभी जुटे हैं काम में । (
तभी राम जी घर आये थे, सभी नागरिक हर्षाये थे, दीप जले थे जगमग-जगमग पुरी अयोध्या धाम में । देखें क्या है राम में, चलें अयोध्या धाम में, तैयारी हैं जोर-शोर से, सभी जुटे हैं काम में । (c)@दीपक
भाई गँवाए, पुत्र गँवाए, लेकिन रावण होश न पाए, आखिर एक दिन वह भी पहुँचा कर्मों के अन्जाम में । देखें क्या है राम में, चलें अयोध्या धाम में, तैयारी हैं जोर-शोर से, सभी जुटे हैं काम में । (c)
मेघनाथ तब विपदा लाई, लक्ष्मण गिर गए मूर्छा खाई, राम हृदय फट जाता लेकिन बचा लिया हनुमान ने । देखें क्या है राम में, चलें अयोध्या धाम में, तैयारी हैं जोर-शोर से, सभी जुटे हैं काम में । (c)@द
जली हुई लँका का स्वामी, लेकिन फिर भी रावण अभिमानी, भाई विभीषण मार भगाया, देता था नीति का ज्ञान ये। देखें क्या है राम में, चलें अयोध्या धाम में, तैयारी हैं जोर-शोर से, सभी जुटे हैं काम में ।
युद्ध कहाँ था टलने वाला, रावण हठी घमंडों वाला, अंगद के पैरों ने बतलाया, नहीं सरल पर काम ये । देखें क्या है राम में, चलें अयोध्या धाम में, तैयारी हैं जोर-शोर से, सभी जुटे हैं काम में । (c)@
बजरंगबली की आई बारी, सीता-माता की खबर निकारी, फिर तो सबने जान लिया था माँ लंका में भी वनवास में । देखें क्या है राम में, चलें अयोध्या धाम में, तैयारी हैं जोर-शोर से, सभी जुटे हैं काम में ।
बाली का बल बढ़ता जाता, कोई उसको हरा न पाता, लेकिन वह अपने पाप से हारा तार दिया श्रीराम ने । देखें क्या है राम में, चलें अयोध्या धाम में, तैयारी हैं जोर-शोर से, सभी जुटे हैं काम में । (c)@दीप
तब हनुमत जी सम्मुख आये, ब्राह्मण जैसा भेष बनाये, सुग्रीव के दुःख हरने को, प्रभु को देखा श्रीराम में । देखें क्या है राम में, चलें अयोध्या धाम में, तैयारी हैं जोर-शोर से, सभी जुटे हैं काम में
वन में माता शबरी देखीं, जात न देखी, जूठ न देखी, बड़े प्रेम से बेर चखे थे मात-प्रेम में राम ने । देखें क्या है राम में, चलें अयोध्या धाम में, तैयारी हैं जोर-शोर से, सभी जुटे हैं काम में । (
जैसे बादल कोई फटा था, राम-लखन का ह्रदय फटा था, सीता-सीता, माता-माता, वन में चहुँदिश गुंजायमान । देखें क्या है राम में, चलें अयोध्या धाम में, तैयारी हैं जोर-शोर से, सभी जुटे हैं काम में ।
राम - राम की टेर लगाई, लेकिन शत्रु जबर था भाई, वीर जटायू प्राण से हारे, माँ सीता बच न पाई रे । देखें क्या है राम में, चलें अयोध्या धाम में, तैयारी हैं जोर-शोर से, सभी जुटे हैं काम में ।
एक दिन ढ़ोंगी रावण आया, तिलक- कलावा वेष बनाया, सीता माता भोली भाली फँस गईं आसुरी चाल में । देखें क्या है राम में, चलें अयोध्या धाम में, तैयारी हैं जोर-शोर से, सभी जुटे हैं काम में । (c)@दीप