धनंजय-विजय व्यायोग
26 जनवरी 2022
यह संस्कृत में 'कृष्णमिश्र' द्वारा रचित 'प्रबोधचन्द्रोदय' नाटक के तीसरे अंक का अनुवाद है। (4) धनंजय विजय – 1873 ई. - यह संस्कृत के 'कांचन' कवि द्वारा रचित 'धनंजय विजय' नाटक का हिन्दी अनुवाद है।
यह संस्कृत में 'कृष्णमिश्र' द्वारा रचित 'प्रबोधचन्द्रोदय' नाटक के तीसरे अंक का अनुवाद है। (4) धनंजय विजय – 1873 ई. - यह संस्कृत के 'कांचन' कवि द्वारा रचित 'धनंजय विजय' नाटक का हिन्दी अनुवाद है।
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