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विद्यावती

भारतेन्दु हरिश्चंद्र

10 अध्याय
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1 पाठक
7 मई 2022 को पूर्ण की गई
निःशुल्क

उनकी रचनाओं ने भारत में गरीबी और विदेशी प्रभुत्व और उपनिवेशवाद के सदियों के बारे में उनकी गहन भावनाओं को व्यक्त किया। हरिश्चंद्र का प्रभाव व्यापक था। उनकी साहित्यिक कृतियों ने हिंदी साहित्य की रीती अवधि के अंत और भारतेंदु अवधि के प्रारंभ पर मोहर लगाई। 

vidyawati

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पुस्तक के भाग

1

अंक-1 : पहला गर्भांक

27 जनवरी 2022
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राजा और मंत्री का प्रवेश राजा : (चिन्ता सहित) यही तो बड़ा आश्चर्य है कि इतने राजपुत्र आए पर उनमें मनुष्य एक भी नहीं आया। इन सबों का केवल राजवन्श में जन्म तो है पर वास्तव में ये पशु हैं। जो मैं ऐसा जा

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दूसरा गर्भांक

27 जनवरी 2022
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सुन्दर आता है सुन्दर : (स्वगत) वर्द्धमान की शोभा का वर्णन मैंने जैसे सुना था उससे कहीं बढ़कर पाया। आह कैसे सुन्दर सुन्दर घर बने हैं, कैसी चौड़ी-चौड़ी सुन्दर स्वच्छ सड़कें हैं, वाणिज्य की कैसी वृद्ध

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तीसरा गर्भांक

27 जनवरी 2022
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सुंदर और हीरा मालिन आती है सुं. : रनिवास का समाचार सब मैंने सुना। तो मौसी राजा को क्या केवल एक ही कन्या है। ही. मा. : हां बेटा केवल एक ही कन्या है पर वह कुछ सामान्य कन्या नहीं है मानो कोई देवता की

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चौथा गर्भांक

27 जनवरी 2022
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विद्या बैठी हुई है डाली हाथ में लिए हीरा मालिन आती है। ही. मा. : (हंसकर) राजकुमारी कहां हैं (सामने देखकर) अहा यहां बैठी हैं। आज मुझको इस माला के गूंथने में बड़ी देर लगी इससे मैं दौड़ी आती हूं। यह म

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अंक-2 : प्रथम गर्भांक

27 जनवरी 2022
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स्थान-विद्या का महल (विद्या बैठी है और चपला पंखा हांकती है और सुलोचना पान का डब्बा लिए खड़ी है)। सुलोचना : (बीड़ा दे कर) राजकुमारी, एक बात पूछूं पर जो बताओ। वि. : क्यों सखी क्यों नहीं पूछती, मेरी ऐ

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दूसरा गर्भांक

27 जनवरी 2022
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(विद्या और मालिन बैठी है) वि. : कहो उन के लाने का क्या किया, लम्बी चैड़ी बातैं ही बनाने आती हैं कि कछु करना भी आता है? मा. : भला इस में मेरा क्या दोष है मैंने तो पहिले ही कहा था कि यह काम छिपाकर न

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तृतीय गर्भांक

27 जनवरी 2022
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(विद्या अकेली बैठी है और सुन्दर आता है) वि. : आज मेरे बड़े भाग्य हैं कि आप सांझ ही आये। सुं. : (पास बैठकर) प्यारी, मुझे जब तेरे मुखचन्द्र का दर्शन हो तभी सांझ है। वि. : परन्तु प्राणनाथ, यह दिन सव्

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तीसरा अंक : प्रथम गर्भांक

27 जनवरी 2022
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(विमला और चपला आती हैं) विमला : वाहरे वाहरे कैसी दौड़ी चली जाती है देख कर भी बहाली दिये जाती है। चपला : (देखकर) नहीं बहिन नहीं मैंने तुम्हें नहीं देखा क्षमा करना। विम. : भला मैंने क्षमा तो किया पर

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दूसरा गर्भांक

27 जनवरी 2022
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विद्या सोच में बैठी है। चपला और सुलोचना आती हैं। च. : (धीरे से) सखी, मुझ से तो यह दुःख की कथा न कही जायगी तू ही आगे चलकर कह। सुलो. : तो तुम मत कहना पर संग चलने में क्या दोष है जो विपत्ति आती है स

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तीसरा गर्भांक

27 जनवरी 2022
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राजा सिंहासन पर बैठा है। (मंत्री पास है और कुछ दूर गंगा भाट खड़ा है।) राजा : मंत्री, गंगा भाट ने जो कहा सो तुम ने सुना? मंत्री : महाराज, सब सुना। रा. : तब फिर उनको चोर जान कर कारागार में भेज देना

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