33 करोड देवी देवता !ॐ , एक ओमकार ,परमेश्वेर, ईश्वर, भगवानहिन्दू धर्म का दुष्प्रचार करने के लिए ये बात उडाई गयी की हिन्दुओ के 33 करोड़ देवी देवता हैं और अब तो मुर्ख हिन्दू खुद ही गाते फिरते हैं की हमारे 33 करोड़ देवी देवता हैं...सबसे पहली बात तो ये की अधूरा ज्ञान खतरना होता है।वैसे ही जैसे बिना सीखे
शबाना नाज को प्रति उत्तर ।...भारत दुनिया का इकलौता ऐसा देश भी है जहां सभी धर्म ; सम्प्रदाय ;समुदाय के लोगो को भी सहज ही स्वीकार किया जाता है और स्थान भी दिया जाता है ।. धार्मिक आजादी भी दी जाती है ।. रही बात साईं की ।.....तो उसने कोई भी कार्य ऐसा नहीं किया जो राष्ट्र या समाज हित मैं मना जाए ।. सा
सनातन वृक्ष की एक ही प्रकृति (अयन) है, दो फल हैं-(सुख तथा दुख), तीन मूल हैं (सत, रज, तम), चार रस हैं (धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष), पंच विध (पंचेंद्रिय), छ: स्वभाव (उत्पन्न होना, स्थिर होना, बढ़ना, परिवर्तित होना, घटना और नष्ट हो जाना), सात वल्कल (रस, रुधिर, मांस, मेद, अस्थि, मज्जा, वीर्य), आठ शाखा (पंच