अपनी कथित प्रेमिका अनुष्का शर्मा की तरह विराट कोहली ने भी हिन्दुओ के त्यौहार पर ही निशाना साधा, इन लोगों को सारा समाज सुधार केवल हिन्दुओ के त्यौहारों पर ही सूझता है विराट कोहली ने बड़ी ही घिनोनी और घटिया हरकत होली पर की है विराट कोहली ने होली पर जानवरो के खिलाफ अत्याचार का
भारत बहुत प्राचीन देश है। विविधताओं से भरे इस देश में आज बहुत से धर्म, संस्कृतियां और लोग हैं। आज हम जैसा भारत देखते हैं अतीत में भारत ऐसा नहीं था भारत बहुत विशाल देश हुआ करता था। ईरान से इंडोनेशिया तक सारा हिन्दुस्थान ही था। समय के साथ-साथ भारत के टुकड़े होते चले गये जिस
इन लोगों ने तो हद ही कर दी, हिन्दुओ पर एक के बाद एक हमले हिन्दुओ में घृणित भाव डालने के लिए हिन्दुओ के सभी त्यौहारों पर हमले, ये तो अति ही हो गयी, इनको बच्चों से भी समस्या हो गयी जल्लीकट्टू, दही हांड़ी, दीपावली, शिवरात्रि, नवरात्री होली ऐसा कोई त्यौहार नहीं जिसपर इन्होंने
आप देशवासियों के लिये अपना पूरा जीवन लगा देने वाले भाई राजीव दीक्षित जी #Youtube Channel से जुड़े ! Subscribe Nowमुस्लिम धर्म या इस्लाम धर्म में काबा एक बहुत पवित्र स्थान हैं। यहाँ देश-विदेश के लाखों मुस्लिम लोग आकर के परमात्मा का ध्यान करते हैं। मुस्लिम लोग अपने भगवान को
मित्रो बहुत कम लोग जानते है की हमारी बहुत सी धार्मिक किताबें,शास्त्र और इतिहास के साथ अंग्रेज़ो ने बहुत छेड़खानी करी है ! आपको सुन कर हैरानी होगी भारत मे एक मूल प्रति है मनुसमृति की जो हजारो वर्षो से आई है और एक मनुस्मृति अंग्रेज़ो ने लिखवाई है ! और अंग्रेज़ो ने इसको लिखवाने
कनार्टक के रायचूर शहर में सड़क पर अतिक्रमड हटाने के दौरान एक मस्जिद को तोड़ने के बाद भीतर से मंदिर के स्तम्भ खम्बे प्रकट हुऐ थोड़ी खोजबीन के बाद पता चला प्रसिद्ध वीर भद्रेश्वर मंदिर का मूल स्थान 500 साल पहले तोड़कर बहा मस्जिद बनबा दी थी बाबर ने तुम कितने मंदिर छुपाओगे हर मस्ज
हिन्दुओ और मंदिरो से टेक्स लेकर , मस्जिद , मदरसों , चर्च पर खर्च कर रही है कर्नाटक सरकारइस देश में केवल हिद्नुओ का ही हो रहा है दमन, हिन्दुओ दो ही लूट जाता है और बाद में हिन्दू को ही असहिष्णु भी बता दिया जाता है सेकुलरिज्म नामक इ जो राक्षस हो ये हिदुओ का खून ऐसे चूस रहे
Pride of Bihar, Hindi Article, New, Guru Govind Singh, 350 Prakash Utsav, History of Bihar Essay, Nitish Kumar, Laloo Yadavहिंदी भाषी क्षेत्र में बिहार राज्य का प्रमुख स्थान है और यहां की प्राचीन और समृद्ध संस्कृति ने देश को काफी कुछ दिया है. आप चाहे राजनीति की बात करें, कूटनीति या शिक्षा की बात कर
धर्म की बात होती है तो सबसे पहले मुझे वोल्तेयर की कही ये उक्ति याद आती है-ईश्वर ना होता तो उसके अविष्कार की आवश्यकता पड़ती. “If God did not exist, it would be necessary to invent him.”यह उक्ति ईश्वर अस्तित्व
तुर्की ने अपने लोकतंत्र को बचाया या वो धार्मिक कट्टरता की ओर बढ़ रहा है ?तुर्की में जो कुछ हुआ उस पर सीधे सीधे कोई राय कायम कर लेना थोड़ी जल्दबाजी होगी ! क्या वास्तव में तुर्की की जनता अपने लोकतंत्र को बचाने के लिए सेना से भिड़ गई ? इस पर भ्रम पैदा हो रहा है तो उसके कारण हैं ! सवाल कई हैं जैसे की किस
कौन थमा रहा है हाथों में बंदूकेंपठानकोट एयर बेस हमला, फ्रांस , तुर्की,पाकिस्तान ,इज़रायल ,ईराक ,सुमोलिया पैरिस ,और अब बांग्लादेश ----। दुनिया का शायद ही कोई ऐसा देश होगा जो आतंकवाद के जख़्मों से स्वयं को बचा पाया हो। अभी बांग्लादेश में एक सप्ताह के भीतर दो आतंकवादी हमले -- एक ईद की नमाज़ के दौरान और उस
पूर्व में सात भाग में सूर्योपनिषद् की चर्चा की गई है। इस चर्चा में सूर्योपनिषद् के अमृत का रसास्वादन कराया गया था। यदि आप सूर्योपनिषद् को पुस्तक रूप में अपने मेल पर मुफ्त में पाना चाहते हैं तो मित्रता का अनुरोध करते हुए उपनिषदों का अमृत वेबपेज का अनुसरण करें और मुझे मेरे अधोलिखित मेल पर उक्त पुस्त
नमो मित्राय भानवे मृत्योर्मा पाहि। भ्राजिष्णवे विश्वहेतवे नमः। सूर्याद्भवनित भूतानि सूर्येण पालितानि तु। सूर्ये लयं प्राप्नुवन्ति यः सूर्यः सोऽहमेव च। चक्षुर्नो देवः सविता चक्षुर्न उत पर्वतः। चक्षुर्धाता दधातु नः। आदित्याय विद्महे सहस्त्रकिरणाय धीमहि।तन्नः सूर्यः प्रचोदयात्। सविता पश्चात्तत्सविता
आदित्याद्वायुर्जायते। आदित्याद्भूमिर्जायते। आदित्यादापो जायन्ते।आदित्याज्ज्योतिर्जायते।आदित्याद्व्योम दिशो जायन्ते।आदित्याद्देवा जायन्ते। आदित्याद्वेदाजायन्ते। आदित्यो वा एष एतन्मंडलं तपति । असावादित्यो ब्रह्म।आदित्योऽन्तःकरणमनोबुद्धिचित्ताहंकाराः।आदित्यो वै व्यानः समा- नोदानोऽपानः प्राणः। आदित्यो व
सूर्य आत्मा जगतस्तस्थुषश्च। सूर्याद्वै खल्विमानि भूतानि जायन्ते। सूर्याद्यज्ञः पर्जन्योऽन्नमात्मा।।3।। सूर्यदेव समस्त जड़ और चेतन जगत् की आत्मा हैं। सूर्य से सभी प्राणियों की उत्पत्ति होती है। सूर्य से ही यज्ञ, पर्जन्य, अन्न एवं आत्मा(चेतना) का प्रादुर्भाव होता है। नमस्त आदित्य। त्वमेव प्रत्यक
ॐ भूर्भुवः सुवः। ॐ तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमिहि। धियो यो नः प्रचोदयात् ।।2।। जो प्रणव रूप में सच्चिदानन्द परमात्मा भूः, भुवः, स्वः रूप त्रिलोक में संव्याप्त है। समस्त सृष्टि के उत्पादन करने वाले उन सवितादेव के सर्वोत्तम तेज का हम ध्यान करते हैं, जो(वे सविता देवता)हमारी बुद्धियों
सूर्योपनिषद अथर्ववेदीय परम्परा से संबंध रखता है। इस उपनिषद में आठ श्लोकों में ब्रह्मा और सूर्य की अभिन्नता वर्णित है और बाद में सूर्य व आत्मा की अभिन्नता प्रतिपादित की गई है। इस उपनिषद के पाठ के लिए हस्त नक्षत्र स्थित सूर्य का समय अर्थात् आश्विन मास सर्वोत्तम माना गया है। इसके पाठ से व्यक्
पृथ्वी सूर्य कि परिक्रमा एक निश्चित अवधि में करती है और एक निर्धारित कक्ष में ही करती है । पृथ्वी का कक्ष एक दीर्घवृत्त (ellipse) जबकि सूर्य उसके एक केंद्र पर होता है । जब पृथ्वी सूर्य के अधिक पास होती है तो यहाँ ग्रीष्म ऋतु होती है और जब दूर तो शरद ऋतु । अब जब ऋतुओं में बदलाव होता यानि सूर्य के दू
गीता औरविज्ञान गीता के शब्द आज भी हैं, गूँजते गगन मेंकृष्ण की वाणी है छिपी ध्वनि-तरंग में।हे विज्ञान ! तू ही बन जा, ईश का आविष्कारक,एकत्र कर, वह संचित शब्द-कोष पुनश्च।। ऊर्जा नष्ट न होती, यह है विज्ञान का सिद्धांतध्वनि-ऊर्जा का संभव रूपांन्तरण मात्र ।खोज लो कृष्ण के शब्द, उदगम क