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धोबी का कुत्ता न घर का और न घाट का |सीख देने वाली कहानी

Bohra

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आज की कहानी बहुत ही मोटिवेशनल है | दीपक नाम का एक लड़का था जो की फूटबाल बहुत ही अच्छा खेलता था , लेकिन उसका मन कही एक जगह तो लगता ही नहीं था | वह वही काम बहुत ज्यादा करता था , जो दूसरे लोग करते थे | कभी वह फूटबाल खेलता था और कभी वह क्रिकेट खेलता था , उसको खुद नहीं पता था की करना क्या है और होना क्या है |एक दिन की बात है की कुछ दोस्त न्यूज़ पेपर लेकर पढ़ रहे थे , उसमे लिखा था की जिला अस्तर पर कुछ खिलाड़ियों का चयन होंगे एक हप्ते बाद | दीपक ने भी यह न्यूज़ सुना और बोला इस बार तो मेरा सिलेक्शन तो पक्का है | सब लोग अपनी पूरी तैयारी मे लग गए , दीपक भी अपनी तैयारी करने लगा और उसक मन तो एक जगह लगता नहीं था | कभी क्रिकेट की प्रैक्टिस तो कभी फूटबाल की , सब लोग बोलते नहीं एक ही कर | पर उसको लगता था की वह खुद दोनों मे सेलेक्ट होगा | ट्रायल सुरु हुवा , सब लोग अपना – अपना ट्रायल देना सुरु कर दिया | ट्रायल के बाद रिजल्ट जब आया तो दीपक के काफी सारे दोस्त सेलेक्ट हो गए और दीपक ने दोनों मे ट्रायल दिया था और उसका नाम किसी मे भी नहीं आया | यह सुनकर दीपक बहुत ही रोया और खुद निस्चय किया की आज के बाद जो भी काम करूँगा मन लगाकर और अंत तक करूँगा | इस कहानी से हम लोगो को यही सीख मिलता है की आप लोगो को जीवन मे जो भी काम करना है , सिर्फ और सिर्फ अपना पूरा ध्यान उसपर लगा दो , तभी आप सफल हो पावोगे | नहीं तो आप भी दुसरो का देख कर करोगे तो आप का भी यही हाल होगा की न आप यहाँ कुछ कर पावोगे और न आप कही और कुछ कर पावोगे | जो एक बार सोच लिया जबतक वह मिल न जाये तबतक काम करो , क्युकी जो चीज बहुत ही मुश्किल के बाद मिलती है उसका मजा ही कुछ और है | मेहनत करो , फल आप को जरूर एक न एक दिन जरूर मिलेगा | पोस्ट अच्छी लगी हो तो शेयर जरूर करे | 

dhobii kaa kuttaa n ghr kaa aur n ghaatt kaa siikh dene vaalii khaanii

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