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धुस - कुटुस

प्रबोध कुमार गोविल

21 अध्याय
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इस किताब में प्रबोध कुमार गोविल की चुनिंदा इक्कीस कहानियां संकलित हैं जो हिंदी की प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में प्रकाशित होकर पर्याप्त चर्चित हैं। उल्लेखनीय है कि सभी में मुख्य सरोकार के रूप में आधुनिक मानवीय मूल्यों का ही समावेश है। 

dhus kuttus

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पुस्तक के भाग

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1.ऑड मैन आउट

4 अगस्त 2022
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छुट्टी का दिन होने से परिसर में सन्नाटा सा था। कहीं- कहीं चलते कूलरों की आवाज़ से ही पता चलता था कि कार्यालय में कुछ लोग मौजूद हैं। वो तो होते ही। छुट्टी के दिन इतनी ज़रूरी मीटिंग हो तो सहायक कर्मचारि

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2. हज़बां

4 अगस्त 2022
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तेज़ धूप थी। हेलमेट सुहा रहा था। क्या करें, कोई सरकारी नौकरी होती तो अभी आराम से सरकारी बिल पर चलते एसी में उनींदे से बैठे होते। या फ़िर घर का कोई व्यापार ही होता तो तेज़ धूप का बहाना करके फ़ोन से कर्

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3. गुलाब का ख़ून

4 अगस्त 2022
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ज़्यादा हरियाली तो अब नहीं बची थी पर जो कुछ भी था, उसे तो बचाना ही था। इसीलिए वो पानी का पाइप हाथ में लेकर लॉन के कौने वाले उस पौधे पर धार छोड़ने में लगे थे जिसमें बगीचे का एकमात्र गुलाब मुश्किल से आज

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4. चपरकनाती

4 अगस्त 2022
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दूरबीन से इधर- उधर देखता हुआ वो सैलानी अपनी छोटी सी मोटरबोट को किनारे ले आया। उसे कुछ मछुआरे दिखे थे। उन्हीं से बात होने लगी। टोकरी से कुछ छोटी मछलियों को चुनकर अलग करते हुए लड़के से उसने पूछा- इन्हें

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5. सब गलत तो नहीं

4 अगस्त 2022
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मैंने नाश्ता करने के बाद निमंत्रण- पत्र एक बार फ़िर देखा। कार्यक्रम ग्यारह बजे से था। ग्यारह बजे स्वागत, ग्यारह दस पर सरस्वती वंदना,ग्यारह पंद्रह से अतिथि परिचय, ... आदि -आदि।- चाय और लोगे? पत्नी की आ

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6. दुनिया पूरी

4 अगस्त 2022
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मेरी पत्नी का देहांत हुए पांच वर्ष बीत गए थे। ऐसे दुःख कम तो कभी नहीं होते, पर मन पर विवशता व उदासीनता की एक परत सी जम गई थी। इससे दुःख हल्का लगने लगा था।जीवन और परिवार की लगभग सभी जिम्मेदारियां पूरी

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7. विजेता

4 अगस्त 2022
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मेरे पास पूरा एक घंटा था।स्पोर्ट्स क्लब में टेनिस की कोचिंग के लिए अपने पोते को छोड़ने के लिए मैं रोज़ छह बजे यहां आता था।फ़िर एक घंटे तक जब तक उसकी कोचिंग चलती, मैं भी इसी कैंपस में ही अपना शाम का टह

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8. धनिए की चटनी

4 अगस्त 2022
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आंसू रुक नहीं रहे थे।कभी कॉलेज के दिनों में पढ़ा था कि पुरुष रोते नहीं हैं। बस, इसी बात का आसरा था कि ये रोना भी कोई रोना है।जब प्याज़ अच्छी तरह पिस गई, तो मैंने सिल पर कतरे हुए अदरक के टुकड़े डाले और

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9. इतिहास भक्षी

4 अगस्त 2022
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नब्बे साल की बूढ़ी आँखों में चमक आ गई। लाठी थामे चल रहे हाथों का कंपकपाना कुछ कम हो गया। … वो उधर , वो वो भी, वो वाला भी... और वो पूरी की पूरी कतार … कह कर जब बूढ़ा खिसियानी सी

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10. प्रकृति मैम

4 अगस्त 2022
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अरे सर, रुटना रुटना (रुकना रुकना)...अविनाश दौड़ता-चिल्लाता आया। -क्या हुआ? मैं पीछे देख कर चौंका। -सर, टन्सेसन मिलेडा। -अरे कन्सेशन ऐसे नहीं मिलता। मैंने लापरवाही से कहा। -तो टेसे मिलटा है

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11. आर्यन

4 अगस्त 2022
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और दिनों के विपरीत आर्यन छुट्टी होते ही बैग लेकर स्कूल बस की ओर नहीं दौड़ा बल्कि धीरे-धीरे चलता हुआ, क्लास रूम के सामने वाले पोर्च में रुक गया। इतना ही नहीं, उसने दिव्यांश को भी कलाई से पकड़ कर रोक लिया

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12. अखिलेश्वर बाबू

4 अगस्त 2022
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वह सुनसान और उजड़ा हुआ सा इलाका था। करीब से करीब का गांव भी वहां से तीन चार किलोमीटर दूर था। रास्ता,सड़क कहीं कुछ नहीं, झाड़ झंकाड़, धूल धक्कड़, तीखी और तल्ख़ धूप, सीधे सूरज की। छांव के लिए कुछ नहीं।

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13. एटिकेट्स

4 अगस्त 2022
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किसी की समझ में नहीं आया कि आख़िर हुआ क्या? आवाज़ें सुन कर झांकने सब चले आए। करण गुस्से से तमतमाया हुआ खड़ा था। उसने आंगन में खड़ी सायकिल को पहले ज़ोर से लात मारी फ़िर उसे हैंडल से पकड़ कर गिरा

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14. शराफ़त

4 अगस्त 2022
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मेरी और शराफ़त की पहली मुलाकात बेहद नाटकीय तरीक़े से हुई थी। भोपाल तक सोलह घंटे का सफ़र था, बस का। सारी रात बस में निकाल लेने के बावजूद अभी कुल नौ घंटे हुए थे और कम से कम सात घंटे का सफर अभी बाक़ी था।

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15. खिलते पत्थर

4 अगस्त 2022
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उन्हें इस अपार्टमेंट में आए ज़्यादा समय नहीं हुआ था। ज़्यादा समय कहां से होता। ये तो कॉलोनी ही नई थी। फ़िर ये इमारत तो और भी नई।शहर से कुछ दूर भी थी ये बस्ती।सब कुछ नया - नया, धीरे- धीरे बसता हुआ सा।व

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16. विषैला वायरस

4 अगस्त 2022
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वो रो रहे थे। शायद इसीलिए दरवाज़ा खोलने में देर लगी। घंटी भी मुझे दो- तीन बार बजानी पड़ी। एकबार तो मुझे भी लगने लगा था कि बार - बार घंटी बजाने से कहीं पास -पड़ोस वाले न इकट्ठे हो जाएं। मैं रुक गया। पर

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17. सांझा

4 अगस्त 2022
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- सेव क्या भाव हैं? मैंने एक सेव हाथ में उठाकर उसे मसलते हुए लड़के की ओर देखते हुए पूछा। - साठ रुपए किलो! कह कर उसने आंखें झुका लीं। मैं चौंक गया, क्योंकि अभी थोड़ी देर पहले मैंने टीवी पर सुना था कि क

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18. इंद्रधनुष

4 अगस्त 2022
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आज वो कुछ अलग सा दिख रहा था। वो लंबा है, ये तो दिखता ही है, मगर उसके बाजू मछलियों से चिकने और गदराए हुए होंगे ये कभी ध्यान ही नहीं गया। जाता भी कैसे, रोज़ तो वो फॉर्मल शर्ट पहने हुए होता है। डार्क कलर

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19. थोड़ी देर और ठहर

4 अगस्त 2022
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-नहीं-नहीं, जेब में चूहा मुझसे नहीं रखा जायेगा. मर गया तो? बदन में सुरसुरी सी होती रहेगी. काट लेगा, इतनी देर चुपचाप थोड़े ही रहेगा? सारे में बदबू फैलेगी. कहीं निकल भागा तो?-कुछ नहीं होगा,

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20. हड़बड़ी में उगा सूरज

4 अगस्त 2022
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क्रिस्टीना से मेरी पहचान कब से है ? यह एक ऐसा प्रश्न है जिसके बहुत सारे उत्तर हो जाएंगे, और ताज़्जुब मुझे बहुत सारे उत्तर हो जाने का नहीं होगा,बल्कि इस बात का होगा कि उन सारे उत्तरों में से कोई भी ग़ल

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21. धुस - कुटुस

4 अगस्त 2022
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पचास साल के इतिहास में ये पहला मौका था कि अंतरराष्ट्रीय ख्याति के इस इंस्टीट्यूट में उसी के एक पुराने छात्र को डायरेक्टर बनाया गया था। लीली पुटियन जी का बायोडेटा देखते ही बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट ने एकमत से

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