इस किताब में प्रबोध कुमार गोविल की चुनिंदा इक्कीस कहानियां संकलित हैं जो हिंदी की प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में प्रकाशित होकर पर्याप्त चर्चित हैं। उल्लेखनीय है कि सभी में मुख्य सरोकार के रूप में आधुनिक मानवीय मूल्यों का ही समावेश है।
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