हमे अपने जीवन को सफल और प्रभावशाली बनाना है। हमारे जीवन में दुःख और सुख आना स्वाभाविक है , अगर ये नही आते तो हमे कैसे पता चलाता कि कौन अपना है और कौन नही। बस इतना ही नहीं ये हमारी क्षमता का पहचान भी करता है, जिससे हम उससे परे हो सकते हैं l इसलिए हम
इस दरगाह से सभी धर्मों के लोगों की आस्था जुड़ी हुई है। इसे सर्वधर्म सद्भाव की अदभुत मिसाल भी माना जाता है। ख्वाजा साहब की दरगाह में हर मजहब के लोग अपना मत्था टेकने आते हैं। ऐसी मान्यता है कि जो भी ख्वाजा के दर पर आता है कभी भी खाली हाथ नहीं लौटता है,