दिगपाल ने मेरे ज़हन में एक सवाल पैदा कर दिया, क्या दिगपाल सचमुच देशभक्त था और देश भक्ति के लिए फ़ौज़ में भर्ती हुआ था? बचपन में जब उसके फ़ौज़ में भर्ती होने की बात सुनी थी तो यही समझ आया था कि गरीबी की वज़ह और अच्छी नौकरी ना मिलने की वजह से वो फ़ौज़ मे
दिगपाल, मेरे बचपन का साथी था, दोस्त था या यूँ कहे कि वो मेरा मुण्डू(बेबी सिटर) था. दरअसल दिगपाल हमारी मौसी का नौकर था, उसकी उम्र कितनी थी मैं नहीं जानता पर शायद 12 या 14 साल का रहा होगा. पहाड़ी था या नेपाली ये भी मुझे नहीं पता