राष्ट्रीय राजधानी में पिछले साल हर दिन दो नाबालिग लड़कियों के साथ बलात्कार किया गया, जिससे यह देश भर में महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित शहर बन गया।2020 से 40 प्रतिशत अधिक मामले आएएनसीआरबी की नवीनतम रिप
आज का लेख का विषय दिल्ली में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार पर है।दिल्ली हमारे देश की राजधानी है और देश की राजधानी उस देश के आर्थिक, राजनैतिक और सांस्कृतिक स्थिति का दर्पण होता है ।राजधानी में घटित हर घटन
महिलाओं पर हो रहे अत्याचार इस बात का सबूत है कि आज भी पुरुष प्रधान समाज है और महिलाओं को अपने से नीची नजर से देखा जाता है। प्राचीन काल से से ही औरत को घर की चार दिवारी पर ही सिमित रखा गया है। उस प
आज के युग में महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। अब हर क्षेत्र में में वह अपनी भागीदारी निभा रही हैं। महिला सशक्तिकरण का भी खूब डंका बज रहा है। लेकिन प्रश्न यह है की आज
प्रिय सखी।कैसी हो।हम अच्छे हैं ।शोप पर बैठें है। क्या वास्तव में महिलाएं सुरक्षित है नहीं ।इसके पीछे विकलांग मानसिकता और हमारे लिए हुए संस्कार है ।जो हम अपने बच्चों को देते हैं ।ये जरूरी नहीं कि हर बा
आज सुबह सो के उठी रोज़ की तरह 5:30 am बहुत ठंड थी,रज़ाई से निकलने की हिम्मत नहीं हुई | इनका टिफ़न नाश्ता सब बनाना था| गीज़र, मोटर चलाना था, सुबह उठे तो सबको गर्म पानी चाहिए | लेटे-लेटे सोंच रही थी कि क
दिल्ली के दिलों में जहर भर रहा ,क्यों बालात्कार,हत्याओं का।क्यों खून चूसने लगे लोग ,दिल्ली की महिलाओं का।।निर्भया, श्रृद्धा,अंजली यहां,हर नारी की यादों में बसती है।ये दर्दनाक घटनाएं दिल कंपाती,आंखों म
जैसा की आप सभी जानते है की किसी भी सरकार को बनाने के लिये चुनाव की एक प्रक्रिया होती है जिसमें की सभी आम जनता अपने मत के अनुसार अपने पसंदीदा व्यक्ति को ही सरकार में बैठात है किंतु आय दिन महिलाओं पर हो