आज का लेख का विषय दिल्ली में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार पर है।
दिल्ली हमारे देश की राजधानी है और देश की राजधानी उस देश के आर्थिक, राजनैतिक और सांस्कृतिक स्थिति का दर्पण होता है ।
राजधानी में घटित हर घटना देश के अस्तित्व पर सवाल उठाती है। और एक ऐसा देश जहां स्त्री को पूजा जाता है ऐसे देश की राजधानी में अगर किसी महिला पर अत्याचार हो रहा हो तो उस देश की छवि कभी साफ नहीं हो सकती।
आप और मैं आए दिन सुनते रहते हैं की आज वहां एक महिला के साथ दुष्कर्म किया गया है या किसी स्कूल जाती बालिका पर एसिड फेंका गया है और ये सब बात सुनके मन विचलित सा हो उठता है।
अभी कुछ दिनों पहले दिल्ली से खबर आई थी की 31 जनवरी 2022 की देर रात को एक लड़की को एक कार में सवार लडकों ने 14 किलोमीटर तक घसीटा गया और घटना का दृश्य इतना भयानक था की बता पाना संभव नहीं। इससे पहले दिल वालों की इसी दिल्ली में एक दसवी कक्षा की लड़की अपनी छोटी बहन के साथ स्कूल जा रही थी तभी दो लड़के बाइक पे सवार होकर आए और उस लड़की के चेहरे पे एसिड फेंक दिया था। उस समय उस लड़की किस पीड़ा से गुजरी होगी वो हम शायद ही कभी जान पाए ।
ऐसे ही हर दिन कुछ न कुछ ऐसा होता है जिसका शायद हमको पता तक नहीं चलता। बात सिर्फ यहां तक नही हैं उन अत्याचार को तो बताता तक नहीं है जो हर दिन घर पर महिलाओं पर हो रहे हैं जो इतने आम से हो गए हैं जिसको गौर तक नही किया जाता।
ना जाने कितनी महिलाएं आज भी ऐसी हैं जो घरेलू हिंसा का बोझ उठा रही हैं जिसका वो विरोध तक नहीं कर पाती है और चुपचाप सहन करती रहती है।
नारी का सम्मान करना हमारे लिए आवश्यक भी है और अनिवार्य भी और जहां तक बात है उनपर अत्याचार की यह हमारे देश के लिए किसी श्राप से कम नहीं है हमारा देश ऐसा देश है जहां नारी के सम्मान के लिए महाभारत हुई थी नारी के सम्मान के लिए लंका तक को जला दिया गया था और आज ये देश नारी को सुरक्षा देने में क्यूं असमर्थ हो रहा है ।
इसी एक सवाल का उत्तर आप भी ढूंढिएगा
लेख को कुछ पंक्ति के साथ पूर्ण कर रहा हूं।
कठिन परिस्थिति में सदा लेती खुद को ढाल।
नारी एक बहती नदी जीवन करे निहाल।।