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महिलाओं पर अत्याचार

20 जनवरी 2023

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महिलाओं पर हो रहे अत्याचार इस बात का सबूत है कि आज भी पुरुष प्रधान समाज है और महिलाओं को अपने से नीची नजर से देखा जाता है। प्राचीन काल से से ही औरत को घर की चार दिवारी पर ही सिमित रखा गया है। उस पर बाहर निकलने के लिए कई बंदिशे लगा ली जाती थी। घर के काम काजो व परिवार का पालन पोषण करना यही तक ही उसे सिमित कर दिया जाता था। यदि कोई घर की दीवाल लाँघता तो उसे समाज द्वारा सजा दी जाती या समाज से बहिष्कृत कर दिया जाता था। धीरे-धीरे समय बदलता गया लोगो के विचार बदलते गए महिलाएं अब घर के बाहर काम पर जाने लगे गावों में संगठन होने लगे। लेकिन तब भी उसके मन में पुरूष व समाज के प्रति डर समाया हुआ था।समय बीतता गया महिलाएं पुरूषो से अधिक संख्या में सफल होने लगे चाहे वह शिक्षा के क्षेत्र में हो या परिवार चलाने या समाज के विभिन्न पदो में सभी वह धैर्य पूर्वक अपना काम कर सकते है।मुश्किल से दहेज प्रथा कम हुआ शिक्षित लोगो में यह चलन एक आम बात थी।अब भी कही कही दहेज प्रथा के केस दर्ज या समाचार पत्रों में पढ़ने को मिल जाता है।

आज महिलाएं कन्धे से कन्धा मिलाकर पुरुषो के बराबर काम कर रही है लेकिन पुरुष के मन में कही न कही वासना दबी पड़ी है जो हर तरीके से उसका शोषण करते है।पुरुष के अंहकार को चोट पहुचती जन्मो जन्मो से स्त्री को जो दबाया है। पुरुष सह नही पाता जब स्त्री उससे आगे बढ़ती दिखाई देती है उसके मन में चोट पहुँचती है पुराना मन जो है।भले ही बाहर से वह स्त्री को सुरक्षा प्रदान करते दिखाई देते है पर आन्तरिक रूप से वह कचौटता सा रह जाता है।

आज महिलाओं को संविधान ने आरक्षण दे दिए है वह हर क्षेत्रों में भाग ले सकता है और उसने वह कर दिखाया है। कई महिलाएं पुरुषो जैसा दिखने के लिए उसका अनुसरण करते हैं जो गलत बात है स्त्री का व्यक्तित्व अलग है पुरुष का अलग।स्त्री पुरुष नही है।प्रकृति ने उसे अलग बनाया है वह कमनीय है पर कमजोर नही। वह पुरूषो जैसा व्यवहार करे तो गलत है।

आज महानगर दिल्ली जो भारत की राजधानी है। महिलाओं पर अपराध बढ़ गया है अब महिलाएं ये सोचने लगी है कि वह दिल्ली में सुरक्षित नहीं है।राष्ट्रीय अपराध ब्युरो के आंकड़ों के अनुसार 2021 में महिलाओं के खिलाफ अपराध 41 प्रतिशत तक बढ़े है।जबकि बच्चो के अपराध 32 प्रतिशत तक बढ़े है। योन शोषण के मामले दिल्ली में बढ़ रहे हैं।माताये अपने को असुरक्षित महसूस कर रही है।दिल्ली महिला आयोग अलर्ट  है पर सभी सरकारो को इस दिशा में आगे आना होगा।बेटी पढाओ बेटी बचाओ का नारा तो सारे देश में गूँज रहा है लेकिन महिलाओं पर हिंसक घटनाएँ व रेप बढ़ रहे है।ऐसे में दिल्ली का नाम बदनाम है जो सर्व शिक्षित समाज व देश की राजधानी है। सन 2020 की अपेक्षा 2021 में 13892 अपराध दर्ज किए गए है जो चार हजार ज्यादा है।

दिल्ली पुलिस की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। कैसे अपराधी को पकड़े व अपराध होने से पहले उसे रोक सके।दिल्ली के प्रत्येक नागरिक को सोचना विचरना होगा कही अगला निशाना उनके ही परिवार का कोई महिला तो नही।

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रचनाएँ
दैनंदिनी जनवरी 2023
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मासिक डायरी लेखन । हम सदा भूत या भविष्य में रमे रहते है ।वर्तमान में कभी जीते नही।नया साल मनाते है केवल एक दिन के लिए जबकि यहाँ हर दिन नया है ।जरा जागे नासमझी को समझे।प्रतिपल जीवन जिए ।
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भारत में जल विद्युत परियोजना

2 जनवरी 2023
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विद्युत के बिना हम जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं । हमारा हर वक्त विद्युत के साथ गुजरता है ।जिस कमरे या ऑफ़िस में घण्टो बैठे रहते है उसमे एक प्रकाश या पंखा तो जरुर आन रहता है । फ्रीज से लेकर

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देश और नकली नोट

3 जनवरी 2023
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किसी भी देश के लिए मुद्रा मायने रखता है । मुद्रा के द्वारा ही हम वो चीज पा सकते है जो हमारे पास नही है । हर व्यक्ति सभी तरह के वस्तुओं का निर्माण नही कर सकता है उसे दूसरे लोगो पर निर्भर रहना पड़ता

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हरित हाइड्रोजन मिशन

5 जनवरी 2023
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दिनो दिन वाहन की संख्या में वृद्घि हो रही है । शहरो में तो हर घर में दुपहिया वाहन पाओगे गांवो में भी अब सभी वर्गो के पास वाहन मिलेंगे। ऐसे में वायु प्रदूषण होने की संभावना बढ़ जाती है । वायु में का

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लुप्त होती स्वतंत्रता

7 जनवरी 2023
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एक गुलामी से आजाद हुए 75 वर्ष हो चुके है । यह एक तरह से जमीन व हक के लिए लड़ाई थी। जो हमारे पूर्वज व देश के क्रान्तिकारियों ने लड़ी । अंग्रेजो के जुल्म से राहत मिली । लोग अपना खेती व्यवसाय करने में

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नागरिकता संशोधन अधिनियम

8 जनवरी 2023
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नागरिक शब्द से आप लोग परिचित है जो तुम्हारे गांव में रहता है वह तुम्हारे गांव का नागरिक कहलाता है ।उसी प्रकार जिले में रहता है जिले का नागरिक कहलाता है ।तुम जिस राज्य में रहते हो उस राज्य के नागरि

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हिन्दी दिवस

10 जनवरी 2023
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भाषा हूँ लाजवाब शान की। मैं हिन्दी हूँ हिन्दूस्तान की। लोग झूमते कहते हैं हाथी घोड़ा पालकी। जय कन्हैया लाल की । नदी की तरह इठलाती विविध भाषा परिवार बसाती संगम पर मिलत

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राष्ट्रीय युवा दिवस

12 जनवरी 2023
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संसार के समस्त प्राणियो का पहले जन्म होता है बचपन से शुरु होकर जवानी फिर बुढापा आता है । बचपन में हम केवल अपने को सम्भालते हैं हम दूसरो पर निर्भर रहते हैं ।अगले स्टेप में हम सोचने समझने व विचार व्

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भूस्खलन:प्राकृतिक आपदा

16 जनवरी 2023
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हवा,पानी,मिट्टी व पेड़ पौधे हमे प्रकृति से मुफ्त में मिली है। इसके बिना जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते है। हवा जरूरी है हम आक्सीजन से जीवित है जो हवा में समाया हुआ है।किसी अन्य ग्रह में नही है इक्क

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पेपर लिक के नुकसान

17 जनवरी 2023
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किसी भी कम्पनी या सरकारी संस्था में नियुक्त होने के लिए प्रतियोगिता परीक्षा से गुजरना पड़ता है। लोग इतने संख्या में प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होते है प्रतिभागी को मेरिट रैंक लाना कठिन होता है।

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आस्था या अन्धविश्वास

18 जनवरी 2023
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भारत इस पृथ्वी का अनूठा देश है। यह राम ,कृष्ण महावीर, बुद्ध ,कबीर जैसे सन्तो की जन्मभूमि है।आश्चर्य;कैसे इस पृथ्वी पर इसी भारत में दिव्य लोगो की जन्मस्थली है। 190 से भी अधिक देश इस पृथ्वी पर है।ले

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विनेश फोगाट:यौन उत्पीड़न

19 जनवरी 2023
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विनेश फोगाट (जन्म 25 अगस्त 1994), एक भारतीय पहलवान हैं। वे हरियाणा के भिवानी ज़िले से आती हैं। एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली विनेश फोगाट पहली महिला भारतीय पहलवान हैं। वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशि

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महिलाओं पर अत्याचार

20 जनवरी 2023
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ओपन माइक का महत्त्व

21 जनवरी 2023
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आधुनिक युग में सम्प्रेषण के साधन बढ़ गए है। विश्व के हर कोने की खबर अब लोगो तक पहुँच जाती है। भले ही टी वी कम लोग देखते हो पर मोबाइल ने पुरे विश्व को एक पटल पर ला दिया है।चैनलों की भरमार से देश दुन

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पराक्रम दिवस

23 जनवरी 2023
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आजादी की लड़ाई में कई लोगो ने भाग लिया था। कुछ शान्ति से देश को आजाद कराना चाहते थे तो कुछ लड़ाई लड़कर।बातचीत पर विश्वास करने वाले नरम दल के नेता कहलाए जो हिंसक पथ अपनाए वो गरम दल के नेता कहलाए। सभी न

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बसंत और प्रज्ञा

26 जनवरी 2023
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बसन्त पंचमी का आना ऐसा एक सन्देश फहराना जीवन-मृत्यु है ताना बाना इधर पतझड़ है और नवरूप आगमन हाथ से जीवन का छूटना और फिर जीवन पाना। दो राहो के बीच ठहराव कुछ पल का मेहमान

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