मेरा जन्म कब हुआ यह नहीं पता मुझे । न समय न दिन पर यह पता है कि मेरे दो भाई एक बहन है और चौथा मैं सबसे छोटा मैं सड़क के किनारे एक बड़े पानी के पाइप में रहता हूं शायद यहां ही मेरा जन्म हुआ मेरी मां पता नहीं कहां चली जाती है जब लौटकर आती है तभी मेरी भूख-प्यास समाप्त होती कभी-कभी सोचता हूं और दूसरों को देखता हूं तो जलन सी होती है क्योंकि मैं काला हूं और मेरे सभी भाई बहन सफेद मैं बाहर नहीं जाता माँ कहती है कि मैं बहुत छोटा हूं इसलिए पाइप से बाहर मत जाया करो बाहर बहुत खतरनाक जानवर रहते हैं पर मुझे यह दुनिया देखने में अच्छी लगती है जब मेरे भाई बहन जा सकते हैं तो मैं क्यों नहीं यही सोचता रहता और खेलता रहता हूं कभी-कभी हिम्मत भी करता हूं उस पाइप से बाहर जाने की पर इंसानों की वजह से बहुत डर लगता है खाने में मुझे सब पसंद है बस अपने परिवार से दूर जाना नहीं एक दिन मैं बैठा हुआ मां का इंतजार कर रहा था मां आई तो पता चला मेरे एक भाई को एक इंसान की गाड़ी ने कुचल दिया और वह मर गया कितनी सस्ती जिंदगी होती है हमारी ।
यह मैं मां से अक्सर पूछता और वह कुछ जवाब नहीं देती और मुस्कुरा कर चली जाती है मैं भी धीरे-धीरे बड़ा हो रहा हूं दुनिया की समझ आ रही है सबसे खुशी की बात तो यह है कि अब मेरी पूछ भी बड़ी हो गई है और मैं जिस तरह से चाहता हूं उसको हिला लेता हूं सबकी खुशबू तो मेरे नाक में बस गई है अब मां ने भी कह दिया कि तुम बाहर जा सकते पर हो ।
अब मैं बहूत खुश पर सोच रहा हूं कि बाहर की दुनिया कैसी है क्या होगा वहाँ अगले भाग में आप पढ़ेगे की किस तरह जब मैं बाहर जाता हूं तब क्या होता है