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आदर्शवादी,नास्तिक लेखक /कवि/समाज सुधारक,आदर्शवादी,नास्तिक लेखक /कवि/समाज सुधारक,आदर्शवादी,नास्तिक लेखक /कवि/समाज सुधारक,आदर्शवादी,नास्तिक लेखक /कवि/समाज सुधारक

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sahityasangam

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साहित्य की विभिन्न विधाओं का सरस संगम

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भेड़िया भाई

7 अक्टूबर 2016
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खानदान की इज्जत के नाम पर बहन की हत्या करने वाले कलयुगी भाइयों की काली करतूतों का भण्डाफोड़ करती कविता -@@@@@@@@@ भेड़िया भाई @@@@@@@@@***********************************जो करते हैं मटरगश्ती ,वो पढ़ते होंगें कोलेज में ख़ाक |पढाई को ताक पर रख कर ,लड़कियों को रहते ताक ||दस -दस सहेलियों के संग ,गुलछर्रे वे

हास्य का तड़का

6 अक्टूबर 2016
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@@@@शक्ल तो है बन्दर जैसी@@@@************************************************पत्नी बोली एक दिन , हो आप बड़े बेवकूफ |मैंने कहा तुरन्त उससे ,क्या है इसका प्रूफ ||पत्नी बोली की आपने ,मुझसे आदर्श शादी |कौड़ी मोल बेच डाली,आपने अपनी आजादी ||आठ नहीं देते हो लेकिन , दे देते हो साठ |ओरों की गलतियों से ,नहीं सी

मित्र रुपी शत्रु

5 अक्टूबर 2016
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@@@@@@@@@@@@@@@@दुनियादारी आज तक,नहीं समझ में आयी |बहिन की इज्जत से खेले,बन धर्म के भाई ||बन धर्म के भाई , खिलाते खूब मिठाई |ऐसे भाइयों की होती,आखिर खूब पिटाई ||आखिर खूब पिटाई , कहता कवि दुर्गेश |धोखा दे रहे दुश्मन तेरे,धार मित्र का वेश ||@@@@@@@@@@@@@@@@

ओ नैना

4 अक्टूबर 2016
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@@@@@@@@ ओ नैना ,ओ नैना @@@@@@@@*****************************************************************रसों के सागर में डुबकी लगाकर ,साहित्य के मोती चुनता रहूँ |मेरी तमन्ना छन्दों में यूँ ही ,गीतों की रचना करता रहूँ ||पहन संगीत का गहना |ओ नैना ,ओ नैना ||कठिन कंटीली राहों पे चलकर ,मन की मंजिल पाता रहूँ |दि

आज का चौका

3 अक्टूबर 2016
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@@@@@@@ काव्य चौका @@@@@@@भाव का आभाव हो जिसमें, ऐसी भी तुकबंदी क्या ?उल्लंघन होता रहे जिसका, ऐसी भी हदबंदी क्या ??मन में हो भाव भंयकर,तो तन पर पहनी खादी क्या ?मिंया-बीवी नहीं हो राजी,ऎसी भी कोई शादी क्या ??@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@

भ्रष्टाचारी चौपट राज

1 अक्टूबर 2016
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@@@@@@@ भ्रष्टाचारी चौपट राज @@@@@@@*************************************************************कुपात्र के सिर पे रखा है ताज ,अन्धेरनगरी चौपट राज |बिना घूस के होता नहीं काज ,हरामखोरी -हरामी राज ||बढ़ती बेकारी कोढ़ में खाज ,बढ़ते जुर्म -जुर्मी राज |घूस खाने पर करते नाज ,लूटखसोट - डाकूराज ||लूट रही नारी

निज नाम अमर कर दो

30 सितम्बर 2016
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@@@@@ निज नाम अमर कर दो @@@@@******************************************************आकाश को छूलो तुम ,मेरी ऊँची नजर कर दो |मसीहा बन के जग में ,निज नाम अमर कर दो ||न जुर्म की सीमा है , न जमीर का बन्धन |जब घूस खाये कोई , तो देखे केवल धन ||तुम ईमान जगा कर के ,पाक मंजर कर दो |आकाश को छूलो तुम ,मेरी ऊँची

शर्म का पानी

29 सितम्बर 2016
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@@@@@@@@@@@@@@@@@@@फूहड़ हास्य की हाइड्रोजन ने,पलीता खूब लगाया है |अश्लीलता की ऑक्सीजन ने,इसे और भड़काया है ||इन दोनों के मिलन की , बस इतनी सी कहानी है ,संस्कारी सज्जन शर्म से , हो गया पानी -पानी है ||@@@@@@@@@@@@@@@@@@@

चुनावी दंगल

28 सितम्बर 2016
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@@@@@@@@@@@@@@@@@राजनैतिक दलों के नेता,कर रहे हैं तकरार |हालाँकि इस तकरार में, नहीं हैं कोई सार ||नहीं हैं कोई सार, जो डाले फूट -दरार |सेवक नहीं हैं जो भी नेता,समझो वो है भार ||चुनाव-प्रचार में हो रही,शालीनता की हार |कोई जीते कोई हारे , पर बने जन-सरकार ||@@@@@@@@@@@@@@@@@

श्राध्द नहीं सेवा

27 सितम्बर 2016
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@@@@@@@ श्राध्द नहीं सेवा @@@@@@@************************************************************जिनकी मेहनत के फल खाये,उनका जीते जी सम्मान करें|न कि मरने पर उनके , दस्तूरी पिण्ड-दान करें ||मीठी नीन्द सुलाने हमको , जो जगे थे हमारे खातिर |सेवा करें हम उनकी ऐसी ,कि जिक्र हर मेहमान करे ||बुजुर्ग हैं हमारे

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