@@@@@@@ भ्रष्टाचारी चौपट राज @@@@@@@
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कुपात्र के सिर पे रखा है ताज ,अन्धेरनगरी चौपट राज |
बिना घूस के होता नहीं काज ,हरामखोरी -हरामी राज ||
बढ़ती बेकारी कोढ़ में खाज ,बढ़ते जुर्म -जुर्मी राज |
घूस खाने पर करते नाज ,लूटखसोट - डाकूराज ||
लूट रही नारी की लाज ,गुण्डागर्दी - गुण्डाराज |
सदभाव का टूटा साज ,दंगाफंसाद -दंगाईराज ||
खोट की गिरी है गाज ,मिलावटखोरी -मिलावटी राज |
कबूतर भी बन गया बाज ,मुर्दाखोरी -मुर्दा राज ||
उजला चरित्र कहाँ है आज ?अंधेरगर्दी -अँधा राज |
लुप्त हो रही नारी की लाज ,नंगियागिरी -नंगा राज ||
सच्चाई भाग रही है आज ,झूठबयानी -झूठा राज |
राजकाज के खुल रहे राज,दुखियारी जनता-मदहोश राज ||
खोटे काज पर करते नाज ,निर्लज्ज नेता , बेशर्म राज |
राज के काले है काज ,भ्रष्टाचारी चौपट राज ||
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