@@@@@@@ श्राध्द नहीं सेवा @@@@@@@
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जिनकी मेहनत के फल खाये,उनका जीते जी सम्मान करें|
न कि मरने पर उनके , दस्तूरी पिण्ड-दान करें ||
मीठी नीन्द सुलाने हमको , जो जगे थे हमारे खातिर |
सेवा करें हम उनकी ऐसी ,कि जिक्र हर मेहमान करे ||
बुजुर्ग हैं हमारे मार्ग -दर्शक ,उनका हम हर दुःख हरे |
न कि उपेक्षा करके उनकी ,नैनों में उनके नीर भरें ||
बुलन्दी पर चढाने हमको ,जो सीढी बन गये हमारे खातिर |
आओ साथियों हम सब मिलकर, उनकी हम हर पीर हरें ||
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