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राजनैतिक दलों के नेता,कर रहे हैं तकरार |
हालाँकि इस तकरार में, नहीं हैं कोई सार ||
नहीं हैं कोई सार, जो डाले फूट -दरार |
सेवक नहीं हैं जो भी नेता,समझो वो है भार ||
चुनाव-प्रचार में हो रही,शालीनता की हार |
कोई जीते कोई हारे , पर बने जन-सरकार ||
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