खानदान की इज्जत के नाम पर बहन की हत्या करने वाले कलयुगी भाइयों की काली करतूतों का भण्डाफोड़ करती कविता -
@@@@@@@@@ भेड़िया भाई @@@@@@@@@
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जो करते हैं मटरगश्ती ,वो पढ़ते होंगें कोलेज में ख़ाक |
पढाई को ताक पर रख कर ,लड़कियों को रहते ताक ||
दस -दस सहेलियों के संग ,गुलछर्रे वे उड़ाते हैं |
रोज नयी फंसाने खातिर ,तिकड़में खूब भिड़ाते हैं ||
ऐसे भाई अपनी बहन को ,रखना चाहते कन्ट्रोल में |
बहन अगर बनाले साथी ,तो वे आ जाते भेड़िया रोल में ||
बहन -सखा को गाली देकर ,पहले उसे भड़काते हैं |
फिर पिटाई करके उसकी ,बहना को धमकाते हैं ||
रोज खेल ते जो इज्जत से ,वो इज्जत की बातें करते हैं |
चरित्र की धज्जियाँ उड़ा कर ,वो खाप का दम भरते हैं ||
वे इज्जत के नाम पर ,खून तक कर देते हैं |
और दो परिवारों में दुश्मनी का , जहर वो भर देते हैं ||
धिक्कार है ऐसे भाइयों को ,जो बहन की हत्या करते हैं |
ऐसे भेड़िये भाई एक दिन ,कुते की मौत मरते हैं ||