कहते है कहानियों का जन्म हमारी असल दुनिया से ही होता है । ऐसे ही आज की कहानी है विराट की ।
सवेरे का वक्त था । और आसमान में एक अलग सी लालिमा छाई हुई थी । कहने को सब कुछ ठीक था लेकिन मुंबई जैसे बड़े शहर में लोकल ट्रेन के धक्के खाते हुए विराट अपने काम पर आ चुका था ।
ये एक रेस्टोरेंट है , जहां विराट चंद रुपयों के लिए वेटर का काम कर रहा था । सुबह से शाम हो जाती थी लेकिन विराट अपने काम में जूझा रहता था । हर तरफ एक नया सन्नाटा और हर तरफ एक नई उम्मीद उसे नजर आती थी ।
कहने को उसकी जिंदगी अच्छी खासी चल रही थी । लेकिन जब ईश्वर परीक्षा लेने चलता है तो राजा भी रंक हो जाता है । ऐसा ही आज हो रहा था विराट के साथ ।
विराट टेबल नंबर 28 के पास खड़ा टेबल और चेयर्स की डास्टिंग कर रहा था । तभी एक कुछ कॉलेज स्टूडेंट्स वहां आकर खड़े हो गए । विराट का चेहरा झुका हुआ था । जिस वजह से कोई भी उसे देख नहीं पा रहा था । जैसे ही डास्टिंग खत्म हुई । विराट ने गर्दन उठा कर कहा " प्लीज टेक अ सीट सर और मैडम । "
वो अपनी बात पूरी कर ही रहा था तभी किस नजरों से उसका सामना हुआ उसे देख कर विराट के हाथ पैर जैसे ठंडे होने लगे । उसका गला अपने आप ही सूखने लगा । विराट की बड़ी बड़ी गोल आंखो में एक छुपा हुआ राज साफ नजर आने लगा । लेकिन कोई था जो ये सब होते हुए बड़े ही ध्यान से देख रहा था ।
विराट के सामने उसके कॉलेज फ्रेंड और उसकी वन एंड ओनली गर्लफ्रेंड दिया थी । जो विराट को वेटर की यूनिफॉर्म में देख कर शॉक्ड थी । उन सभी के बीच का माहौल इतना ज्यादा शांत था कि उन सभी को कुछ भी सुनाई नहीं दे रहा था ।
तभी एक जोर दार आवाज से विराट का ध्यान टूटा और उसने सिया से नजरें हटा कर उस आवाज का पीछा किया । और जैसे ही विराट ने सामने की तरफ देखा तो पाया कि वहां रेस्टोरेंट के मलिका का बेटा कर्ण खड़ा हुआ गुस्से से उसे घूर रहा था ।
कर्ण अपने पैर पटकते हुए उन सभी के बीच आया । और वहां आते से ही विराट के गाल पर जोर का तमाचा जड़ दिया । विराट भी बिना कुछ कहे अपने गाल पर हाथ रख कर नीचे देखने लगा ।
कर्ण - " जब कॉन्डम देने की जिम्मेदारी तेरी थी तो मेरी गर्लफ्रेंड प्रेग्नेंट कैसे हुई ? "
कर्ण ने एक ऊंची आवाज में बड़ी ही बेशर्मी के साथ ये सब कुछ कहा । और विराट को खा जाने वाली नजरों से घूर कर देखने लगा ।
विराट की भी आंखे जैसे ये सुन कर जैसे बाहर आने को होने लगीं । वो खुद शॉक्ड था कि ये सब हुआ कैसे ?
कर्ण ने एक लंबे इंतजार के बाद फिर कहा " चुप क्यों खड़ा है बोल ना ? "
इस बार हर किसी की नजरें उस पर जमी हुई थीं । लेकिन कोई भी कुछ नहीं कर रहा था । हर कोई खामोश था । आखिर कर्ण इस वक्त सबसे पावरफुल और रिचेस्ट मैन था । और कोई उसके सामने कुछ कहने की हिम्मत नहीं कर पा रहा था ।
जब विराट ने कुछ नहीं कहा तो इस बार कर्ण ने उसे फर्श पर गिरा दिया और उस पर लात गुस्से बरसाने लगा । लेकिन इस बार भी कोई कुछ नहीं कह रहा था । तभी भागते हुए एक आदमी कर्ण के पास आया और झुक कर कहने लगा " बॉस । आकाश दीक्षित आज ही मुंबई से जा रहे हैं । और हमारी तो अब तक उसने मीटिंग नहीं हुई है । "
इतना भर सुन कर ही कर्ण के हाथ जो अब तक विराट पर चल रहे थे अचानक से रुक गए । और उसने कहा " व्हाट। आज ही । लेकिन क्यों ? "
कर्ण के सवाल का जबाव यहां सिर्फ एक के पास था । और वो भी मौन था । जब किसी ने फिर कुछ नहीं कहा तो फिर से कर्ण ने चिल्लाते हुए पूछा " चुप क्यों हो ? जल्दी बताओ । "
तभी सभी को एक जानी पहचानी आवाज धीरे से सुनाई दी " मैं बताऊं क्या ? "
आखिर किसकी थी ये आवाज ? और कौन था आकाश दीक्षित ? जानिए आगे की कहानी में ।