प्रीत हूँ गीत बन कर
साथ निभा जाऊँगी
हर साँस में गुनगुनाती
शहनाई बन जाऊँगी
बोलो मीत मेरे तूम
कैसे सुर से सुर
मेरे संगहंस कर मिलोगे
पात जो मिला फूल बन महक
जाऊँगा धारा बन जो गया
निर्झर गीत बन तुम्हे हर रंग में
निखार दूँगा धुप तूम बनी चमकती
तरु हिय का संवार दूँगा भूल
तूम जो बनो भूल मैं भी बनू
माफ दिल से हिल- मिल कर देगे फिर
आराधना राय अरु