दुखी मन से वहा एक पेड़ के नीचे बैठकर यह सोच ही रहा था कि तभी उसको एक आवाज सुनाई देती है वह आवाज कहती है की तुमको में बहुत देर से देख रहा हूं इधर उधर भटक रहे हो क्या परेशानी है तब तेजपाल अपने पीछे मुड़कर देखता है की एक व्यक्ति खड़ा है उसने उससे बोला मालिक मेरा परिवार सुबह से भूखा है और मुझे कही भी काम नहीं मिल पा रहा है में बहुत परेशान हू यह सुनकर वह व्यक्ति बोला तुमको काम चाहिए तेजपाल बोला हा मालिक आप काम दे सकते हैं वह व्यक्ति एक फैक्ट्री का मालिक था उसकी फैक्ट्री में कपड़ो का कारोबार होता था उसने बोला हा में तुमको काम दे सकता हु पर तुमको मेहनत से काम करना पड़ेगा और छः हजार रुपए महीना मिलेगा तेजपाल ने कुछ नहीं सोचा और हा बोल दिया वह जानता था की अब काम कही नहीं मिलेगा और उसका परिवार शाम को उसके आने की रास्ता देखेगा की कब वह खाने के लिए कुछ लायेगा।
तेजपाल उस मालिक के साथ उसकी फैक्ट्री पहुंचा,मालिक ने उससे बोला कि अच्छे से काम करना शिकायत का मौका मत देना तेजपाल ने हा मालिक बोला और काम में लग गया और पुरे मन से काम करने लगा तेजपाल बहुत अच्छे मन से काम कर रहा था उसने अपना काम किया उसका काम देखकर मालिक खुश था मालिक को पता था कि वह काम बहुत मेहनत से करेगा क्योंकि वह गरीब था और उसको पैसे और भोजन की जरूरत थी उसने तेजपाल से पूछा की कल काम पर आओगे तेजपाल बोला हा मालिक आ जायेगे और अपने काम में लगा रहा।
अपना काम समाप्त करने के बाद तेजपाल शाम को जब अपने घर जाने को था उसने मालिक से बोला मालिक मेरे घर पर कुछ खाने के लिए नहीं है आप थोड़ा राशन दे देते तो मेहरबानी होती आप मेरी तनख्वाह से पैसे काट लीजिएगा यह सुनकर मालिक ने अंदर जाकर कुछ दाल,चावल और आटा लाकर उसे दिया उसने देखा कि दाल,चावल घुना हुआ है और आटा भी बहुत पुराना है उसका मालिक यह सब फेकने के लिए रखा होता है उसको वही सब दे देता है तेजपाल उसी को लेकर चला जाता है वह सोचता है की कुछ नहीं से कुछ ही अच्छा है यह सोचकर वह अपने घर के लिए निकलता है।
घर पहुंचकर वह अपनी पत्नी से बोलता है की ये राशन लो और भोजन बना लो उसकी पत्नी राशन लेती है और देखती है!और बोलती है यह सब तो खराब है इससे तो हम सब बीमार हो जायेंगे तेजपाल आज उसके साथ हुई सारी बाते बताता है और बोलता है अगर प्रभु की यही इच्छा है तो यही सही उसकी पत्नी उसी राशन से भोजन तैयार करती है भोजन तैयार होता है और उसकी पत्नी सभी को भोजन परोसती है सभी भोजन को ग्रहण करते हैं और फिर सोने के लिए जाते हैं तेजपाल की पत्नी उससे बोलती है की आपने आज ऐसा राशन लाया है जिसे खाकर हम सब बीमार पड़ गए तो दवाई कैसे आएगी हमारे पास तो उतना पैसा भी नहीं है कि जिससे दवा कराई जा सके।
तेजपाल बोलता है तुम परेशान मत हो भोलेनाथ ऐसा कुछ नहीं होने देंगे इसके बाद उसकी पत्नी कहती है कि बारिश का मौसम आ गया है पता नहीं कब अधिक बारिश होने लगे या आंधी आने लगे हमे अपने घर को सही करना होगा इतना सुनकर तेजपाल बोलता है बात तो तुम्हारी सही है पर हमारे पास इतना पैसा कहा है जो हम लोग घर सही करवा सके बड़ी मुश्किल से तो खाने पीने की व्यवस्था हो पाती है घर उसमे कैसे सही हो पाएगा तेजपाल की यह बात सुनकर उसकी पत्नी उसको दिलासा दिलाती है कि सब ठीक हो जाएगा फिर दोनो सोते है और अगले दिन सुबह उठते हैं सुबह उठकर उसकी पत्नी सबसे पहले सभी के लिए भोजन बनाती है सभी खाते है और तेजपाल अपने काम पर जाने के लिए तैयार होता है।
आज वह फिर से वही मालिक के पास काम करता है दिनभर कड़ी मेहनत के बाद वह शाम को घर के लिए जैसे ही जाने को होता है मालिक से राशन के लिए बोलता है और मालिक उसको राशन देता है फिर वह घर के लिए निकलता है घर पहुंचकर पत्नी को सामान देता है और भोजन तैयार करने को बोलता है आज भूख ज्यादा है भोजन ज्यादा बनाना और जल्दी करना पत्नी भोजन बनाने जाती है और तभी बिजली कड़कने की आवाज तेजी से आती है आसमान में बादल छाए हैं,आसमान से बारिश होने की संभावना लग रही थी तेजपाल परेशान था की अगर बारिश तेज हो गई तो उसका घर टपकाने लगेगा और सभी को बहुत परेशानी होगी यही सोचता है तभी बादल तेजी से गरजने लगते हैं और सभी चिंतित हो जाते है।
तेजपाल भोलेनाथ को याद करता है,तब तक उसकी पत्नी भोजन तैयार कर चुकी थी उसकी पत्नी बोलती है की भोजन तैयार हो गया है खा लीजिए नहीं तो कही बारिश हो गई तो भोजन भी नहीं कर पाएंगे।यह सोचकर सभी भोजन करने के लिए बैठते हैं और भोजन का आनंद लेते हैं तेजपाल बोलता है भोजन अच्छा बना है भोजन करने के बाद सभी आराम करने के लिए लेट जाते हैं बच्चे सो जाते हैं पर तेजपाल और उसकी पत्नी को नींद कहा थी वो दोनो जाग रहे थे उनको पता था अगर बारिश रौद्र रूप ले लेगी तो उनपर बहुत सारी परेशानी आ सकती है दोनो रात भर जागते रहे सुबह हुई पत्नी भोजन तैयार करने लगी और तेजपाल स्नान करके भोलेनाथ को जल चढ़ाकर उनको प्रणाम करता है उसको पता था कि बीती रात बारिश उसका घर गिरा सकती थी पर उन्होंने उसकी रक्षा की वह भोजन करता है और काम पर जाता है।