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गरीबी भाग -3

3 सितम्बर 2023

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वह काम के लिए निकलता है और फैक्ट्री पहुंचकर काम में लग जाता है काम चल रहा था की अचानक फैक्ट्री में आग लग जाती है,फैक्ट्री में काम करने वाले काफी मजदूर घायल हो जाते है और बहुत मजदूर अपनी जान गवा बैठते हैं तेजपाल मुश्किल से जैसे- तैसे उसमें से निकल पाता है फैक्ट्री का मालिक भी सुरक्षित बच निकलता है देखते ही देखते आग विशाल रूप धारण कर लेती है इतना सब देखकर तेजपाल कि आखों में आंसू आ जाते हैं उसके साथ काम कर रहे कई मजदूर जो अब या तो अस्पताल में थे या दुनिया में नहीं थे।                                                                                                                      वह मन ही मन भोलेनाथ को अपनी जान बचाने का शुक्रिया अदा करता है और वापस अपने घर के लिए थोड़ा बहुत राशन जो खरीद सका वो लेकर जाता है वह अपने घर पहुंचा ही था कि उसने देखा उसकी पत्नी घर के दरवाजे से उसको देख रही है वह पहुंचा ही था की पत्नी ने पूछ लिया क्या आज फिर काम नहीं मिला,तेजपाल ने राशन की पोटली अपनी पत्नी को दी और आज हुए सारे हादसे के बारे में बताया उसकी पत्नी भी भोलेनाथ को धन्यवाद करती है।

                                अगले दिन वह जहा काम करता था  क्योंकि वहा आग लग गई थी तो सबकुछ जलकर राख हो गया था तो अगले दिन की सुबह के समय वह अपना नित प्रतिदिन का क्रियाकलाप करके काम की खोज में निकलता है आज उसको अपने घर से कुछ ही दूर पर एक दुकान पर काम मिल जाता है वहा उस दुकान का मालिक उसको काम देने के लिए तैयार हो जाता है और महीने के पांच हजार रुपए देने को बोलता है तेजपाल जानता था की इतने पैसे कम है पर करता भी क्या उसको पिछली जगह छः हज़ार रुपए मिलते थे पर उसने काम के लिए हा बोल दिया।

                 उसको पैसे को बहुत जरूरत थी उसका घर भी सही नहीं था बच्चो को पढ़ना भी था और घर में भी खाने पीने के लिऐ पैसों की जरूरत थी इसलिए तेजपाल काम करने के लिए मान गया, मालिक ने उसको उसका काम समझा दिया, उसको दुकान पर समान लेने आने वाले हर एक व्यक्ति को वो जो भी सामान मांगे उसको देना था और मालिक को बताना था की ग्राहक ने क्या क्या लिया है यह करते हुए शाम होने वाली थी दुकान मालिक दुकान बंद करने वाला था मालिक ने तेजपाल से बोला तुमको रोज आना है और इसी समय तक रुकना होगा इसी समय दुकान बंद होगी तेजपाल ने बोला ठीक है मालिक आ जायेंगे मालिक ने बोला अब तुम जा सकते हो  घर जाने के समय तेजपाल ने मालिक से राशन के लिए बोला, मालिक राशन देने के लिए मन जाता है तेजपाल से बोलता है पैसे राशन के तब तेजपाल बोलता है मालिक पैसे तनख्वाह से काट लीजिएगा जितना भी बने।
                         
                        राशन लेकर तेजपाल घर जाता है और घर जाकर पत्नी से भोजन बनाने को बोलता है और सभी भोजन  करते हैं और आराम करने के लिए सभी लेट जाते है और अच्छी नींद लेने की सोचते है तेजपाल काम के चक्कर में यह भूल गया था कि अगले दिन नया साल है, नए साल का नया दिन तेजपाल को जैसे याद आता है कि अगले दिन नया साल का है वह अपनी पत्नी को उठाता है और पत्नी से सुबह खुद को जल्दी उठाने को बोलता है और अपनी पत्नी को भी जल्दी उठने को बोलता है...

                      उसकी पत्नी बोलती है ठीक है में उठा दूंगी और हम सब सुबह मिलकर भोलेनाथ की पूजा एकसाथ पूजा करेंगे और में कल सुबह कुछ अच्छा खाने के लिए भोजन बनाऊंगी और तेजपाल को जल्दी सोने को बोलती है बोलती है अगर जल्दी नहीं सोएंगे तो सुबह उठना मुश्किल होगा इसलिए अब सो जाइए आप भी और हम भी पत्नी की बात सुनकर तेजपाल बोलता है हा ठीक है सो जाओ में भी सो जाता हूं नहीं तो जाग नहीं पाएंगे,इतना कहकर सभी सो जाते हैं।

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मीनू द्विवेदी वैदेही

मीनू द्विवेदी वैदेही

सुन्दर कल्पना,👌👌 आप मेरी कहानी पर अपनी समीक्षा जरूर दें 🙏

3 सितम्बर 2023

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रचनाएँ
गरीबी
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मैं आप लोगों के सामने एक नई कहानी लेकर आया हूं (गरीबी) यह कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है,इसका किसी भी व्यक्ति,धर्म,समुदाय या समाज से कोई लेना देना नहीं है।इस कहानी का कोई पात्र या घटना अगर किसी से जुड़े हैं,तो वह सिर्फ एक संयोग ही होगा।यह कहानी पाठको के मनोरंजन और पढ़ने के लिए लिखी गई है। गरीबी यह कहानी एक ऐसे व्यक्ति पर लिखी गई है जिसका ईश्वर पर बहुत विश्वास है और वह अपने गरीब होने से अपने अंदर कोई कमी नहीं महसूस करता है वह मेहनती है उसका नाम तेजपाल है,इस कहानी में दिखाया जा रहा है कि कैसे तेजपाल एक मजदूर होते हुए भी अपने परिवार का पालन -पोषण करता है कैसी भी समस्या क्यों न हो वह अपने परिवार के साथ मिलकर उनको दूर करता है इस कहानी में तेजपाल की पत्नी अपने पति का सुख दुख दोनो में समान साथ देती है।वह कभी भी अपने गरीब होने पर पछतावा नहीं करता है,उसका घर जोकि बहुत अच्छा नहीं है उसकी छत खराब है वह अपने घर की छत सही करवाना चाहता है,अपने बच्चो का अच्छे स्कूल में दाखिला करवाना चाहता है क्या वह यह सब करवा पाएगा।इस कहानी में कभी खुशी तो कभी गम देखने को मिलेगा। इसमे हम देखेंगे की क्या वह अपनी जरूरत के जितना पैसा कमा सकता है कि नहीं क्या ईश्वर उसका साथ देंगे।यह जरूरी नहीं की गरीब व्यक्ति सिर्फ पैसा पाकर ही खुश रहेगा वह अपने परिवार के खुश होने पर भी खुश रहता है। .....….... कहानी पढ़ने के बाद आप अपने विचार अवश्य दे अगर पसंद आए तो बताए अगर न आए फिर भी बताए! आपका...... धन्यवाद्........
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गरीबी

3 सितम्बर 2023
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यह कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है इस कहानी के पात्र या घटना अगर किसी से जुड़े हैं,तो वह सिर्फ एक संयोग ही होगा,इस कहानी का किसी के निजी जीवन से या किसी जाति - धर्म से कोई लेना - देना नहीं है यह कहानी स

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गरीबी भाग -2

3 सितम्बर 2023
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दुखी मन से वहा एक पेड़ के नीचे बैठकर यह सोच ही रहा था कि तभी उसको एक आवाज सुनाई देती है वह आवाज कहती है की तुमको में बहुत देर से देख रहा हूं इधर उधर भटक रहे हो क्या परेशानी है तब तेजपाल अपने पीछ

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गरीबी भाग -3

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वह काम के लिए निकलता है और फैक्ट्री पहुंचकर काम में लग जाता है काम चल रहा था की अचानक फैक्ट्री में आग लग जाती है,फैक्ट्री में काम करने वाले काफी मजदूर घायल हो जाते है और बहुत मजदूर अपनी जान गवा बैठते

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गरीबी भाग -4

3 सितम्बर 2023
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अगले दिन सुबह जल्दी उठकर तेजपाल उसकी पत्नी सरला और बच्चे चिंटू और रिंकी सभी स्नान करके पूरा परिवार भोलेनाथ की पूजा करने के लिए गंगा जल,बेलपत्र आदि को भोलेनाथ के शिवलिंग को समर्पित करते हैं तेजपाल की प

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