आया सावन पावन मास।
हरियाली तीज जागी आस।।
चहुंओर हरियाली अब छाई।
हरियाली तीज की ऋतु आई।।
सुहागन स्त्रियां व्रत पूजन।
कुवांरी भी सुघड़ वर पूजन।।
तरुवर पर भी झूले पड़ते।
गाती गीत तीज के उमड़ते।।
रूच रुच कर मेहंदी लगाती।
हाथों की शोभा बढ़ाती।।
कर के सोलह साज श्रृंगार।
मनाती हरियाली तीज त्यौहार।।
आस्था उमंग प्रेम प्रतीक।
उत्सव शिव पार्वती अतीक।।
खीर मालपूए मिष्ठान बनाती।
पूजन अर्चन कर भोग लगाती।।
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