Readers with Colorblind Balam and Kuch Meter par Zindagi Bheeshm Pathak, Seemant Sharma, Kapil Chandak, Ashutosh Kaushik, Abhiraj Thakur, Manish Tewari
दिनांनक 11.02.2022समय : शाम 7 बजेप्रिय डायरी जी, एक बात बताऊं! आजकल मेरे बेड की साइड टेबल पर अरुंधति रॉय की उपन्यास "The God of small things" रखी है, जिसे मैंने लाइब्रेरी
नमस्ते, इस साल ई-बुक संस्करण में प्रकाशित दोनों किताबें अब पेपरबैक में उपलब्ध हैं। लगातार स्नेह बनाए रखने के लिए, आप सबका आभार! आगे के सफर को बेहतर बनाने के लिए भी आपके सहयोग वाले धक्के की आशा है। प्यार से धक्का मार के लगभग 100 कहानियों का लुत्फ़ उठाएं। 1) - कलरब्लाइंड बालम (Colorblind Baalam)https:/
Kuch Meter par Zindagi (कुछ मीटर पर ज़िंदगी) paperback edition available now - https://www.amazon.in/Kuch-Meter-Zindagi-Mohit-Sharma/dp/8194642922 @amazonIN80 से ज़्यादा कहानियों का यह संग्रह अब पेपरबैक वर्शन में उपलब्ध है.
माना हम चिट्ठियों के दौर में नहीं मिलें, डाकिए की राह तकी नहीं हमने। हम मिले मुट्ठियों के दौर में। जिसमें रूमाल कम, फोन ज्यादा रहता था। माना हम किताब लेने देने के बहाने नहीं मिलें, जिसे पढ़ते, पलटते सीने पर रख, बहुत से ख्वाब लिए उसके साथ सो जाया करते। हम मिले मेसेज, मेसेंजर, वाट्स अप, एफ बी, इंस्टा
नए जज़्बात - नई किताब: 'कुछ मीटर पर ज़िन्दगी' ...उम्मीद करता हूं कि पहले की रचनाओं की तरह इसे भी आपका भरपूर प्यार मिलेगा। ई-संस्करण, एमेज़ॉन पर उपलब्ध -https://amzn.to/3bXsGCW#ज़हन #mohitness #mohit_trendster #book #kuchmeterparzindagihttps://mohitness.blogspot.com/2020/05/kuch-meter-par-zindagi-book.ht
2019 खत्म होने को है और नया साल यानि 2020आने को है। आपके तमाम कष्ट दूर हों और नया साल अच्छा बीते इसके लिए लाल किताब में बताए गए कुछ विशेष उपाय करें। 19वीं शताब्दी की इस किताब में आपकी हर समस्या का सामाधान है। यदि आप नियमपूर्वक इनका पालन
4 stories in the anthology, Book Launch: 8 January, 2017 - World Book Fair Delhi :)अपने-अपने क्षितिज - लघुकथा संकलन (वनिका पब्लिकेशन्स)56 लघुकथाकारों की चार-्चार लघुकथाओं का संकलन।मुखावरण - चित्रकार कुंवर रविंद्र जीविश्व पुस्तक मेले में 8 जनवरी 2017 को 11:30 बजे वनिका पब्लिकेशन्स के स्टैंड पर इस पुस
मेरा नाम …………. छोड़ो भी, मेरे नाम मे क्या रखा है. कहते है लोगो को एक नाम इसीलिए दिए जाते है की वो रहे या ना रहे उन्हे हमेशा पहचाना जा सके, लेकिन फिर भी मै चाहता हूँ, की मेरा नाम एक गुमनाम शक्सियत हो. अब मै आप सभी को रूबरू करने जा रहा हूँ अपने इस अधूरे जिंदगी के सफ़र के बारे मे. मै शुरुआत करना चाहूँग
पुस्तकों का मूल्य रत्नों से भी अधिक होता है क्योंकि रत्न तो केवल बाहरी चमक - दमक दिखाते हैं पर पुस्तकें हमारे अन्तःकरण को उज्ज्वल बनाती हैं !