shabd-logo

शाम

hindi articles, stories and books related to sham


featured image

जीवन मे कोई शाम आखिरी नही होती,सोच आखरी होती हैं ।अपने सपनों को जिंदा रखो,क्योंकि सूरज फिर निकलता है,फिर उजाला होता है ।सोच को रख मजबूत अपनीउगते सूरज की लालिमा सेसुनहरा कल भी निकलता है ।-अश्विनी कुमार मिश्रा

featured image

यूँ तो हर शाम उमीदों में गुज़र जाती हैआज कुछ बात हैमगर आह ये भी डर है ये सहर (सुबह) भी "अश्विनी" रफ़्ता रफ़्ताकहीं शाम तक न पहुँचे.......

और कितनी दूरपूछू गर एक सवाल माँ से मै कौन हूँ, कहाँ से आया हूँ?यह शायद ही माँ बता पाए तू कौन हैं, कहाँ से आया हैं?बस वह अपनी व्यथा ही कह सकती, तू कैसे आया हैं?हैं इश्क हमे उनसे बस एक रात का, हम बिस्तर हुए| रात याद हैं मुझे जबसे धड़कने बढ़ी,और तू बढने लगा|हा मेरी कोख मे

वो मुझे सुबह भेजती, मैं उसे शाम भेजता। वो सुबह सी ताजगी देती, मैं शाम का सुकुन देता। वो सुबह की चहक बन जाती, मैं शाम का साज बनता। वो सुबह के फूलों सी, बन तितली, मेरे मन भाती, मैं शाम का झिगूंर, बन जुगनू , उसकी आस को रोशन करता। वो सुबह की लाली, मैं शाम का गोधूलि बेला। वो सुबह प्रीत मेरी, मैं शाम मी

अक्सर जब कहीं मन नही लगता तो पार्क में आकर बैठ जाता हूँ! सुकून सा मिलता है! अक्सर भीड़ सी रहती हैं यहाँ! रोज़ कुछ न कुछ नया देखने को मिलता है! हर रोज़ नए चेहरे, नयी तरह से फ़ोटो खींचते लोग और अलग अन्दाज़ में पोज देते युगल! ५०-५५ साल के अंकल आंटी ईव्निंग वाक पे निकले हैं! कुछ बुज़ुर्ग दादा-दादी योगा

featured image

ये सुनहरी शाम और ये जाती हुयी सूरज की धूप,कितना खूबसूरत लगता है प्रकृति का ये अनमोल रूप।ये हवा की हसीन अदायें,कितनी जंचती हैं ये वादियों पे फिजायेंये कुदरत का नजारा मन मोह लेता हैराह चलते मुसाफिर के कदम,निहारने के लिए रोक लेता है।ये सूरज भी ना कितना इंतजार करवाता है,मगर जब अपने घर वापस जाता है।इस सु

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए