सर्वविदित है कि भारत सरकार के युग परिवर्तक पुरुष माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र दामोदरदास मोदी जी भारत के प्रथम व्यक्ति अर्थात माननीय महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी की छत्रछाया में भारत, भारतीय और भारतीयता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित कर रहे हैं जिसका आधार उनकी बाल्यावस्था से राष्ट्र के प्रति समर्पित राष्ट्रभक्ति, धार्मिक, आध्यात्मिक एवं सामाजिक सद्भावना, पूर्णतः अनुशासित जागरूकता और मनमस्तिष्क में समाए संवैधानिक मौलिक कर्तव्य हैं।
सर्वविदित यह भी है कि उन्होंने स्वच्छता एवं स्वास्थ्य के विभिन्न मानवीय माध्यमों से वैश्विक स्तर पर "झंडा ऊॅंचा रहे हमारा" के आधार पर ठोस अंतरराष्ट्रीय संदेश देते हुए "तिरंगे" को बुलंदियों पर ससम्मान लहराया है। और तो और तिरंगे को चॉंद पर लहरा कर वैश्विक कीर्तिमान स्थापित किया है, जिससे ब्रह्माण्ड चौंक गया था। पड़ोसी सहम गए थे और सोचने पर बाध्य हो गये थे कि यह चमत्कार कैसे हुआ। जबकि ऐसे चमत्कारों को प्रदर्शित करना माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र दामोदरदास मोदी जी का पुरुषार्थी स्वभाव बन चुका है, जिसे भीतर से माननीय उच्चतम न्यायालय के माननीय विद्वान मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ जी भी सराहते हैं और मौलिक कर्तव्यों को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण दिल्ली के संरक्षक के रूप में प्रोत्साहन भी करते हैं
चूॅंकि वह अपने मौलिक कर्तव्यों की पूर्ति करते हुए, भलीभॉंति जानते हैं कि तिरंगे को बुलंदियों पर लहराते हुए, शत्रुओं को युद्ध से पहले की शॉंति से दहलाते हुए और राष्ट्र के नागरिकों को मुस्कुराते हुए राष्ट्र को दिन दुगनी और रात चौगुनी गति कैसे देनी है? वह यह भी जानते हैं कि भारत को विश्वगुरु कैसे बनाना है? क्योंकि वह संविधान के मौलिक कर्तव्यों की संवैधानिक शक्तियों का सुप्रभाव जानते हैं।
बस आवश्यकता तो यह है कि उनके द्वारा धारन मौलिक कर्तव्यों की गूॅंज की गर्जना प्रत्येक सरकारी कार्यालयों, विद्यालयों व विश्वविद्यालयों और सॉंस्कृतिक सॅंस्थानों के माध्यमों से घर-घर पहुॅंचाया जाए। ताकि मौलिक कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक विधिक पालन सम्पूर्ण भारत में हो सके और समृद्ध भारत का कोई भी नागरिक संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकार से वंचित न रह सके। चूॅंकि मौलिक कर्तव्यों और मौलिक अधिकारों का सम्बन्ध चोली दामन का होता है और एक का मौलिक कर्तव्य दूसरे का मौलिक कर्तव्य होता है। वर्णनीय है कि उपरोक्त तथ्य उनके द्वारा चलाए जा रहे "मन की बात" में सार्वभौमिक रूप धारण कर चुके हैं।
इन्हीं मौलिक कर्तव्यों को राष्ट्रहित में जन मन तक पहुॅंचाने का दायित्व पंजीकृत संस्था "प्रेस कोर कौंसिल" वर्षों से सफलतापूर्वक कर रही है। जिसे अद्वितीय उड़ान भरने के लिए माननीय महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी आपके आशीर्वाद की परम आवश्यकता है। चूॅंकि आप ही सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आसीन हैं और संवैधानिक पदाधिकारियों का ही मौलिक कर्तव्य बनता है कि वह संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक कर्तव्यों को जन-जन तक पहुॅंचाने में निष्ठापूर्वक सहयोग करें।
अतः माननीय महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी आपसे मेरा विनम्र आग्रह है कि केंद्र शासित जम्मू और कश्मीर प्रदेश सरकार के विधिक, शिक्षा और सांस्कृतिक मंत्रालयों को कृपया मेरा पत्र अग्रेषित कर कहें कि वह "सॉंस्कृतिक दृष्टि से मौलिक कर्तव्यों की विधिक विभिन्नताऍं" के आधारित विषय पर पंजीकृत "प्रेस कोर कौंसिल" का सहयोग कर कृतार्थ करें। ताकि "प्रेस कोर कौंसिल" राष्ट्रीय स्तर पर भारत के संविधान के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय एवं जम्मू कश्मीर विधिक सेवा प्राधिकरण सहित शिक्षा और सॉंस्कृतिक संस्थानों के माध्यम से राष्ट्र के प्रति अपना मौलिक कर्तव्य पूरा करते हुए जम्मू कश्मीर कला संस्कृति एवं भाषा अकादमी के सौजन्य से माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र दामोदरदास मोदी जी के प्रेरणास्रोत नेतृत्व में राष्ट्रनिर्माण का विधिवत शुभारम्भ कर सके। सम्माननीयों जय हिन्द
प्रार्थी
डॉ इंदु भूषण बाली
संरक्षक
"प्रेस कोर कौंसिल"
निवासी
ज्यौड़ियॉं (जम्मू)
जम्मू और कश्मीर
Grievance Status for registration number : PMOPG/E/2024/0011919
Grievance Concerns To
Name Of Complainant
Indu Bhushan Bali
Date of Receipt
16/01/2024
Received By Ministry/Department
Prime Ministers Office
Grievance Description
सॉंस्कृतिक दृष्टि से मौलिक कर्तव्यों की विधिक विभिन्नताऍं !
(आलेख)
सर्वविदित है कि भारत सरकार के युग परिवर्तक पुरुष माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र दामोदरदास मोदी जी भारत के प्रथम व्यक्ति अर्थात माननीय महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी की छत्रछाया में भारत, भारतीय और भारतीयता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित कर रहे हैं जिसका आधार उनकी बाल्यावस्था से राष्ट्र के प्रति समर्पित राष्ट्रभक्ति, धार्मिक, आध्यात्मिक एवं सामाजिक सद्भावना, पूर्णतः अनुशासित जागरूकता और मनमस्तिष्क में समाए संवैधानिक मौलिक कर्तव्य हैं।
सर्वविदित यह भी है कि उन्होंने स्वच्छता एवं स्वास्थ्य के विभिन्न मानवीय माध्यमों से वैश्विक स्तर पर "झंडा ऊॅंचा रहे हमारा" के आधार पर ठोस अंतरराष्ट्रीय संदेश देते हुए "तिरंगे" को बुलंदियों पर ससम्मान लहराया है। और तो और तिरंगे को चॉंद पर लहरा कर वैश्विक कीर्तिमान स्थापित किया है, जिससे ब्रह्माण्ड चौंक गया था। पड़ोसी सहम गए थे और सोचने पर बाध्य हो गये थे कि यह चमत्कार कैसे हुआ। जबकि ऐसे चमत्कारों को प्रदर्शित करना माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र दामोदरदास मोदी जी का पुरुषार्थी स्वभाव बन चुका है। जिसे भीतर से माननीय उच्चतम न्यायालय के माननीय विद्वान मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ जी भी सराहते हैं और मौलिक कर्तव्यों को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण दिल्ली के संरक्षक के रूप में प्रोत्साहन भी करते हैं
चूॅंकि वह अपने मौलिक कर्तव्यों की पूर्ति करते हुए, भलीभॉंति जानते हैं कि तिरंगे को बुलंदियों पर लहराते हुए, शत्रुओं को युद्ध से पहले की शॉंति से दहलाते हुए और राष्ट्र के नागरिकों को मुस्कुराते हुए राष्ट्र को दिन दुगनी और रात चौगुनी गति कैसे देनी है? वह यह भी जानते हैं कि भारत को विश्वगुरु कैसे बनाना है? क्योंकि वह संविधान के मौलिक कर्तव्यों की संवैधानिक शक्तियों का सुप्रभाव जानते हैं।
बस आवश्यकता तो यह है कि उनके द्वारा धारन मौलिक कर्तव्यों की गूॅंज की गर्जना प्रत्येक सरकारी कार्यालयों, विद्यालयों व विश्वविद्यालयों और सॉंस्कृतिक सॅंस्थानों के माध्यमों से घर-घर पहुॅंचाया जाए। ताकि मौलिक कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक विधिक पालन सम्पूर्ण भारत में हो सके और समृद्ध भारत का कोई भी नागरिक संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकार से वंचित न रह सके। चूॅंकि मौलिक कर्तव्यों और मौलिक अधिकारों का सम्बन्ध चोली दामन का होता है और एक का मौलिक कर्तव्य दूसरे का मौलिक कर्तव्य होता है। वर्णनीय है कि उपरोक्त तथ्य उनके द्वारा चलाए जा रहे "मन की बात" में सार्वभौमिक रूप धारण कर चुके हैं।
इन्हीं मौलिक कर्तव्यों को राष्ट्रहित में जन-जन तक पहुॅंचाने का दायित्व पंजीकृत संस्था "प्रेस कोर कौंसिल" वर्षों से सफलतापूर्वक कर रही है। जिसे अद्वितीय उड़ान भरने के लिए माननीय महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी आपके आशीर्वाद की परम आवश्यकता है। चूॅंकि आप ही सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आसीन हैं और संवैधानिक पदाधिकारियों का ही मौलिक कर्तव्य बनता है कि वह संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक कर्तव्यों को जन-जन तक पहुॅंचाने में निष्ठापूर्वक सहयोग करें।
अतः माननीय महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी आपसे मेरा विनम्र आग्रह है कि केंद्र शासित जम्मू और कश्मीर प्रदेश सरकार के विधिक, शिक्षा और सांस्कृतिक मंत्रालयों को कृपया मेरा पत्र अग्रेषित कर कहें कि वह "सॉंस्कृतिक दृष्टि से मौलिक कर्तव्यों की विधिक विभिन्नताऍं" के आधारित विषय पर पंजीकृत "प्रेस कोर कौंसिल" का सहयोग कर कृतार्थ करें। ताकि "प्रेस कोर कौंसिल" राष्ट्रीय स्तर पर भारत के संविधान के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय एवं जम्मू कश्मीर विधिक सेवा प्राधिकरण सहित शिक्षा और सॉंस्कृतिक संस्थानों के माध्यम से राष्ट्र के प्रति अपना मौलिक कर्तव्य पूरा करते हुए जम्मू कश्मीर कला संस्कृति एवं भाषा अकादमी के सौजन्य से माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र दामोदरदास मोदी जी के प्रेरणास्रोत नेतृत्व में राष्ट्रनिर्माण का विधिवत शुभारम्भ कर सके। सम्माननीयों जय हिन्द
प्रार्थी
डॉ इंदु भूषण बाली
संरक्षक
"प्रेस कोर कौंसिल"
निवासी
ज्यौड़ियॉं (जम्मू)
जम्मू और कश्मीर
Current Status
Under process
Date of Action
16/01/2024
Officer Concerns To
Officer Name
Shri Manoj Kumar Dwivedi (Comm Secretary GAD)
Organisation name
Union Territory of Jammu and Kashmir
Contact Address
Room No. 318-19 Govt of JK, Civil Sectt., Srinagar
Email Address
gad-jk@nic.in
Contact Number
01912570018
Grievance Status for registration number : PRSEC/E/2024/0002466
Grievance Concerns To
Name Of Complainant
Indu Bhushan Bali
Date of Receipt
16/01/2024
Received By Ministry/Department
President's Secretariat
Grievance Description
सॉंस्कृतिक दृष्टि से मौलिक कर्तव्यों की विधिक विभिन्नताऍं
आलेख सर्वविदित है कि भारत सरकार के युग परिवर्तक पुरुष माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र दामोदरदास मोदी जी भारत के प्रथम व्यक्ति अर्थात माननीय महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी की छत्रछाया में भारत भारतीय और भारतीयता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित कर रहे हैं जिसका आधार उनकी बाल्यावस्था से राष्ट्र के प्रति समर्पित राष्ट्रभक्ति धार्मिक आध्यात्मिक एवं सामाजिक सद्भावना पूर्णतः अनुशासित जागरूकता और मनमस्तिष्क में समाए संवैधानिक मौलिक कर्तव्य हैं सर्वविदित यह भी है कि उन्होंने स्वच्छता एवं स्वास्थ्य के विभिन्न मानवीय माध्यमों से वैश्विक स्तर पर झंडा ऊॅंचा रहे हमारा के आधार पर ठोस अंतरराष्ट्रीय संदेश देते हुए तिरंगे को बुलंदियों पर ससम्मान लहराया है और तो और तिरंगे को चॉंद पर लहरा कर वैश्विक कीर्तिमान स्थापित किया है जिससे ब्रह्माण्ड चौंक गया था पड़ोसी सहम गए थे और सोचने पर बाध्य हो गये थे कि यह चमत्कार कैसे हुआ जबकि ऐसे चमत्कारों को प्रदर्शित करना माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र दामोदरदास मोदी जी का पुरुषार्थी स्वभाव बन चुका है जिसे भीतर से माननीय उच्चतम न्यायालय के माननीय विद्वान मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ जी भी सराहते हैं और मौलिक कर्तव्यों को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण दिल्ली के संरक्षक के रूप में प्रोत्साहन भी करते हैं चूॅंकि वह अपने मौलिक कर्तव्यों की पूर्ति करते हुए, भलीभॉंति जानते हैं कि तिरंगे को बुलंदियों पर लहराते हुए शत्रुओं को युद्ध से पहले की शॉंति से दहलाते हुए और राष्ट्र के नागरिकों को मुस्कुराते हुए राष्ट्र को दिन दुगनी और रात चौगुनी गति कैसे देनी है वह यह भी जानते हैं कि भारत को विश्वगुरु कैसे बनाना है क्योंकि वह संविधान के मौलिक कर्तव्यों की संवैधानिक शक्तियों का सुप्रभाव जानते हैं बस आवश्यकता तो यह है कि उनके द्वारा धारन मौलिक कर्तव्यों की गूॅंज की गर्जना प्रत्येक सरकारी कार्यालयों विद्यालयों व विश्वविद्यालयों और सॉंस्कृतिक सॅंस्थानों के माध्यमों से घर घर पहुॅंचाया जाए ताकि मौलिक कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक विधिक पालन सम्पूर्ण भारत में हो सके और समृद्ध भारत का कोई भी नागरिक संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकार से वंचित न रह सके चूॅंकि मौलिक कर्तव्यों और मौलिक अधिकारों का सम्बन्ध चोली दामन का होता है और एक का मौलिक कर्तव्य दूसरे का मौलिक कर्तव्य होता है वर्णनीय है कि उपरोक्त तथ्य उनके द्वारा चलाए जा रहे मन की बात में सार्वभौमिक रूप धारण कर चुके हैं इन्हीं मौलिक कर्तव्यों को राष्ट्रहित में जन-जन तक पहुॅंचाने का दायित्व पंजीकृत संस्था प्रेस कोर कौंसिल वर्षों से सफलतापूर्वक कर रही है जिसे अद्वितीय उड़ान भरने के लिए माननीय महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी आपके आशीर्वाद की परम आवश्यकता है चूॅंकि आप ही सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आसीन हैं और संवैधानिक पदाधिकारियों का ही मौलिक कर्तव्य बनता है कि वह संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक कर्तव्यों को जन मन तक पहुॅंचाने में निष्ठापूर्वक सहयोग करें अतः माननीय महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी आपसे मेरा विनम्र आग्रह है कि केंद्र शासित जम्मू और कश्मीर प्रदेश सरकार के विधिक शिक्षा और सांस्कृतिक मंत्रालयों को कृपया मेरा पत्र अग्रेषित कर कहें कि वह सॉंस्कृतिक दृष्टि से मौलिक कर्तव्यों की विधिक विभिन्नताऍं के आधारित विषय पर पंजीकृत प्रेस कोर कौंसिल का सहयोग कर कृतार्थ करें ताकि प्रेस कोर कौंसिल राष्ट्रीय स्तर पर भारत के संविधान के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय एवं जम्मू कश्मीर विधिक सेवा प्राधिकरण सहित शिक्षा और सॉंस्कृतिक संस्थानों के माध्यम से राष्ट्र के प्रति अपना मौलिक कर्तव्य पूरा करते हुए जम्मू कश्मीर कला संस्कृति एवं भाषा अकादमी के सौजन्य से माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र दामोदरदास मोदी जी के प्रेरणास्रोत नेतृत्व में राष्ट्रनिर्माण का विधिवत शुभारम्भ कर सके सम्माननीयों जय हिन्द प्रार्थी डॉ इंदु भूषण बाली संरक्षक
प्रेस कोर कौंसिल निवासी ज्यौड़ियॉं जम्मू जम्मू और कश्मीर
Current Status
Under process
Date of Action
16/01/2024
Officer Concerns To
Officer Name
Shri Manoj Kumar Dwivedi (Comm Secretary GAD)
Organisation name
Union Territory of Jammu and Kashmir
Contact Address
Room No. 318-19 Govt of JK, Civil Sectt., Srinagar
Email Address
gad-jk@nic.in
Contact Number
01912570018