अद्भुत ही नहीं बल्कि अद्वितीय रहस्योद्घाटन हो रहे हैं कि राष्ट्र के माननीय महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी और माननीय सशक्त प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र दामोदरदास मोदी जी के कार्यकाल में उनकी ही नाक के नीचे भारत सरकार के कर्मचारी अथवा अधिकारी देश के "पारदर्शी भारत अभियान" एवं "भ्रष्टाचारमुक्त भारत" को सफल बनाने के लिए लिखे गए आलेखों को राष्ट्रीय समस्या न मानते हुए उन्हें रद्द कर रहे हैं। वह रद्द करते हुए कहते हैं कि कृपया शिकायत करें न कि राष्ट्रीय समस्या पर आलेख लिखकर भेजें। कहने का अभिप्राय यह है कि वह ज्वलंत राष्ट्रीय समस्याओं को समस्याऍं ही नहीं मानते और प्रश्न स्वाभाविक है कि ऐसी समस्याऍं सुलझेंगी कैसे और कब?
विस्मय तब होता है जब लोक शिकायत पोर्टल अर्थात पीजी पोर्टल से संबंधित कर्मचारी संतुष्टि लेबल जानने के लिए याचिक को दूरभाष के माध्यम से पूछते हैं कि क्या आप दिए गए उक्त उत्तर से संतुष्ट हैं? परन्तु उनके प्रश्नों पर जब याचिकाकर्ता उन्हीं से पूछते हैं कि पहले मेरी समस्या पढ़कर बताएं और उसके उपरान्त "शिकायत और समस्या" में अंतर बताऍं? तो वह भारीभरकम वेतन भत्ते लेने के उपरान्त भी पहले तो शुद्ध हिंदी पढ़ने में असफल होते और उसके उपरान्त स्पष्टीकरण नहीं दे पाते। जिसका याचिकाकर्ताओं को यह लाभ होता है कि संतुष्टि लेबल जानने वाले लोक सेवक रद्द की गई समस्या को स्वयं ही पुनः संबंधित विभाग अथवा मंत्रालय को समस्या का उचित समाधान करने हेतु भेज देते हैं।
विडंबना तो यह है कि भारत के प्रथम व्यक्ति माननीय महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी को न्यायपालिका सम्बंधित लोक समस्या अर्थात माननीय विद्वान न्यायाधीशों की मनमानियों के विरुद्ध भेजी गई शिकायतें और माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी द्वारा उन शिकायतों को अग्रेषित करने के बावजूद उक्त शिकायतों को यह कहते हुए रद्द कर देते हैं कि माननीय उपराज्यपाल अथवा महामहिम राष्ट्रपति जी माननीय न्यायालय को आपकी समस्या अग्रेषित करने की शक्ति नहीं रखते हैं। इसलिए आप माननीय न्यायालय में रिट याचिका दायर करें। जबकि प्रार्थीयों ने पहले ही दाखिल रिट याचिकाओं के अंक दे रखे होते हैं।
इस प्रकार वह एक ओर प्रार्थी का समय बर्बाद करते हैं और दूसरी ओर माननीय उपराज्यपाल एवं महामहिम राष्ट्रपति जी की संवैधानिक शक्तियों का अज्ञानतावश अपमान करते हैं जो गणतंत्र दिवस 2024 के लिए उचित नहीं है।
अतः माननीय महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी आपसे मेरी विनम्र प्रार्थना है कि लोक शिकायत पोर्टल से सम्बंधित लोक सेवकों को आदेश करें कि वह आपकी शक्तियो को चुनौती देने के स्थान पर याचिकाकर्ताओं की याचिकाओं पर ध्यान देते हुए आप द्वारा अग्रेषित समस्याओं को गंतव्य तक पहुंचाऍं और अपने मौलिक कर्तव्यों की पूर्ति करें। चूॅंकि सजग भारत आजादी के अमृत महोत्सव में गणतंत्र दिवस 2024 मनाने जा रहा है जिसमें भ्रष्टाचारमुक्त भारत और पारदर्शी भारत "अभियान" माननीय सशक्त प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र दामोदरदास मोदी जी के प्रिय लोकतांत्रिक अभियान हैं। सम्माननीयों जय हिन्द
डॉ. इंदु भूषण बाली
ज्यौड़ियॉं (जम्मू)
जम्मू और कश्मीर