हे ईश्वर आप को जगत पिता,
आप की पालन हार है,
हम है सब अज्ञानी यहां,
मूर्ख और बेकार है,
आप से ही है समस्त संसार,
आप की करते बेड़ा पार है,
करुणा निधान आप ही ज्ञान के भंडार है,
ये मै भी जानता हूं
आप का प्रेम मेरे जीवन का आधार है,
मुझे किसी का नहीं प्रभु,
आपका सहारा है,
ना मै किसी का भी यहां ,
ना कोई हमारा है,
मुझे कुछ भी नहीं चाहिए,
सब कुछ आप पे वारा है,
मेरी किस्ती है बीच में,
मुझे कुछ भी ना समझ आ रहा है,
आ जाओ जगत पिता,
आप का ही तो मुझे सहारा है,
ये समस्त दुनिया मिथ्या का भंडार है,
ये मै ही जानता हूं
आप प्रेम मेरे जीवन का आधार है,
मैंने पुकारा आप को आना होगा,
मोहनी सूरत आप को दिखाना होगा,
मै भटक रहा हूं मंजिल की तलाश में,
हमे सत्य का मार्ग पे लाना होगा,
अगर मै नादानी मे बहके कदम,
आप को ही तो बचाना होगा,
आपके चरणों में विनती बारम्बार है,
ये मै भी जानता हूं,
आप का प्रेम मेरे जीवन का आधार है,
मै खुश हूं की आप मेरे कथन
पे एक बार फिर से विचार करेंगे,
हम मरते दम तक,
आपके फैसले का इंतजार करेंगे,
मुझे संसार में सब ने परेशान ही किया,
भरोसा है आप पे मुझे ना इंकार करेंगे,
इबादत, पूजा , आरती, सजदा , मै नहीं
जनता अज्ञानी हूं ना,
मुझे ये पता है आप ही मेरा कल्याण करेंगे,
मेरा उद्धार करेंगे,