सा कला या विमुक्त्ये
कला संसार"सा कला या विमुक्तेय" कला वह जो मुक्त कर दें l सजा दें जीवन को सुन्दरत्तम रूप में, छांव हो या धूप में सदैव तटस्थ रहे और ईश्वर को धन्यवाद कहे मन से l तन से स्वस्थ रहे, मन से मस्त रहे ओर करता रहे सृजन l सृजन वयक्ति व प्रकृति का कर्म व धर्म हैl शिशु का जन्म दम्पति का सर्वोत्तम सृजन हैl सजीव सृ