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झंकार

झंकार

मैथिली शरण गुप्त

9 भाग
0 व्यक्ति ने लाइब्रेरी में जोड़ा
0 पाठक
25 अप्रैल 2022 को पूर्ण की गई
निःशुल्क

राष्ट्रकवि मैथिलीशरधा गुप्त की प्रस्तुत कविता 'झंकार' में भारतीय स्वतंत्रता-संघर्ष का स्वर नि-संदेह गुंजारित है। इस कविता में कवि की देशभक्ति स्वतंत्रता प्राप्ति की उत्कृष्ट आकांक्षा तथा भारतीय स्वाधीनता आंदोलन की उत्प्रेरणा का स्वर अनुगुजित है। 

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राष्ट्रकवि मैथिलीशरधा गुप्त की प्रस्तुत कविता 'झंकार' में भारतीय स्वतंत्रता-संघर्ष का स्वर नि-संदेह गुंजारित है। इस कविता में कवि की देशभक्ति स्वतंत्रता प्राप्ति की उत्कृष्ट आकांक्षा तथा भारतीय स्वाधीनता आंदोलन की उत्प्रेरणा का स्वर अनुगुजित है।

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विशेषज्ञ पब्लिशिंग पैकेज
पुस्तक के भाग
1

निर्बल का बल

13 अप्रैल 2022

0
0
2

झंकार

13 अप्रैल 2022

0
0
3

विराट-वीणा

13 अप्रैल 2022

0
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4

अर्थ

13 अप्रैल 2022

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5

बाल-बोध

13 अप्रैल 2022

0
0
6

रमा है सबमें राम

13 अप्रैल 2022

0
0
7

बन्धन

13 अप्रैल 2022

0
0
8

असन्तोष

13 अप्रैल 2022

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0
9

जीवन का अस्तित्व

13 अप्रैल 2022

0
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