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मत सोना किसी की गोद में सिर रखकर, जब ये बिछड़ते है ना तो रेशम के तकियों पर भी नींद नहीं आती! 

सुंदरता सस्ती है लेकिन चरित्र महंगा है घड़ी सस्ती है लेकिन वक्त महंगा है

"सपनों को सच करने से पहले सपनों को ध्यान से देखना होता है।”

कहीं फिसल न जाओ जरा संभल के चलना, मौसम बारिस का भी है और मोहब्बत का भी! 

सिर झुका कर उसकी हर बातें सुनी जाती है,पसंदीदा स्त्री से बहस नहीं की जाती है...-दिनेश कुमार कीर

इन झुमको के घुंघरुओं की खनखनाहटऔर इन लबों पर बेवजह की मुस्कुराहट"मै" और "तुम" होने की आहट है-दिनेश कुमार कीर

चुपके - चुपके वो हमारी हर लेख पर नजर रखते हैंदेखकर चेहरे की मुस्कुराहट वो कई सवाल करते हैं काश कि पढ़ लेते वो हृदय के भाव हम सीने में कितने घाव गहरे रखते हैं-दिनेश कुमार कीर

रोटी तो हर कोई बना लेता है रोटी कमाने का हुनर सिखाइए बेटियों को

कांटों के बीच में रहकर भी मुस्कुराने की कलालाख तूफ़ान आए पर भी महकने की कला धूप में तपने के बाद रंगत बनाए रखने की कला हर परिस्थिति में जीने की कला हमें गुलाब से सीखना चाहिए-दिनेश कुमार कीर

जिंदगी में एक ही नियम रखो, सीधा बोलो, सच बोलो, और मुँह पर बोलो जो अपने होंगे समझ जायेंगे, जो मतलबी होंगे दूर हो जायेंगे-दिनेश कुमार कीर

एहसास की नमी बेहद जरुरी है हर रिश्तों में,  वरना रेत भी सूखी हो तो निकल जाती है हाथों से...-दिनेश कुमार कीर

ज़िदंगी को हमेशा खुल कर और जितना हो सके खुश होकर जियो, नहीं पता जो आज है वो कल हो ना हो।-दिनेश कुमार कीर

यह मोहब्बत है ठगों की बस्ती,एक पल में बदल देती है हस्ती; आशिक़ रहते है इश्क़ में बैचेन,इश्क़ जाता है उजाड़ कर बस्ती...! 

"अगर आप सही हो तो कुछ सही साबित करने की कोशिश ना करो, बस सही बने रहो गवाही ख़ुद वक़्त देगा..."-दिनेश कुमार कीर

"मैंने हिसाब मे रहने वाले लोगों को बेहिसाब होते देखा है, मैंने लोगों को बदलते नहीं बेनकाब होते देखा है..."-दिनेश कुमार कीर

आँखे हँसती हैं, मग़र दिल ये रोता है,जिसे हम अपनी मंजिल समझते हैं,उसका हमसफ़र कोई और ही होता है... 

इधर उधर से रोज यूँ ना तोड़िए हमें,अगर खराब हैं तो फिर छोड़िये हमें... 

*ये कहानी आपके जीने की सोच बदल देगी!*एक दिन एक किसान का बैल कुएँ में गिर गया।वह बैल घंटों ज़ोर -ज़ोर से रोता रहा और किसान सुनता रहा और विचार करता रहा कि उसे क्या करना चाहिए और क्या नहीं।अंततः उसने निर

बगुला और केकडा एक वन प्रदेश में एक बहुत बडा तालाब था। हर प्रकार के जीवों के लिए उसमें भोजन सामग्री होने के कारण वहां नाना प्रकार के जीव, पक्षी, मछलियां, कछुए और केकडे आदि वास करते थे। पास में ही

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भाग-6 सादृश्यता निर्देश प्र1 से 35 तक के प्रश्नो में बाई ओर प्रथम दो आकृति में संबंध है उसी प्रकार तीसरे व चौथे में आपस में सम्बंध है तीसरे के लिए चौथे आकृति को दाई ओर (1),(2),(3)व (4) से खोजना है।

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