जीवन की आधारशिला है जो
जीवन रक्षक पालनकर्ता।
हिमालय सा अडिग है जो,
समुद्र सा गहरा प्यार जिसका
मयंक समान शीतल साथ उसका,
महके बगिया घर ,आंगन की जिससे
फूलों सा प्यार जिसका।
सीप समान कठोर है जो
जीवन दे एक मोती को,
व्योम सा आकार जिसका।
अपने शूल उर में लेकर
कर्मवीर वह बढ़ता जाए
अदम्य पग से चलता जाए।
ईश्वर से बड़ा हाथ उसका
पित्र हमारा कहलाए ।
हे प्रभु यह अनमोल प्यार
आजीवन हम पा जाएं,
शतायु हो साथ उनका।
कोटि-कोटि नमन आपको
यह सौभाग्य हमने है पाया।