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जीवन सत्य

20 अप्रैल 2022

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किसे फ़ुरसत है कि सुने दास्ताँ हमारी ..

दस्तूरन ही लोग हाल पूछ लिया करते हैं..!

कभी गले मिलते थे फिर हाथ मिलने लगे ..

आज ये दौर है दूर ही से हाथ जोड़ दिया करते हैं ..!

यूँ तो करते हैं ख़ुशामदी बड़ी महफ़िलों में ..

गमगीं हो कोई तो मुँह मोड़ लिया करते हैं..!

फुर्कत मिले तो सोचना ज़रा ये कैसा सफ़र है ..

इस जमीं के लोग क्या ऐसे ही जिया करते हैं..!

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जब ज़िंदगी उलझ जाए  तो कुछ ऐसा कीजिए .. अश्क़ों के ताप से इस पत्थर दिल को  पिघला दीजिए ..! औरों की हंसी से कर अपने ग़म की दवा  सब्र का प्याला ले घूँट घूँट पीजिए ..! बंदों के बनाए ख़ुदा तो बहुत ह

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22 मार्च 2022
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ज़िंदगी

23 मार्च 2022
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मौन

23 मार्च 2022
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4 अप्रैल 2022
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उधड़ गयी इक दिन यादों की रजाई.. लब सिल लिए कि ना हो प्यार की रुसवाई .. मन मीत मिला था पर निकला वो हरजाई.. लहरें शोर करती रही सागर का दर्द हवा भी ना सुन पायी .. अश्क़ों का पानी भी लगता है चोट पे ..

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जीवन सत्य

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ख़वाईशें

11 मई 2022
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दिल के इक कोने में .. दबी सी ख़वाँईशें बहुत हैं ..! तू लाख़  सितम कर ले ऐ ज़िंदगी .. क्या करें कि तुझसे मोहब्बतें बहुत हैं..! ज़िंदा तो वैसे भी मरने के लिए हैं ही .. चाहो तो ज़िंदगी जीने के तरीक़

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4 जून 2022
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कभी उनका कभी अपने दिल का क़रार लिखते हैं ..! अहसास एक सा ही है सब जिसे बार बार लिखते हैं ..! ख़ुद की ही नही औरों की दास्ताँ भी रहती है शायद कहीं.. मरहम सा लगे जो ज़ख्मों पे ..हम ऐसे भी आशार ल

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