ख़्वाब कुछ टूटे हुए ..
कुछ ज़ख़्म रिसते हुए ..
हर्फ़ कुछ पन्नों पे बिखरे हुए ..
यादों के सूखे चंद फ़ूल ..
बस ऐसा ही कुछ समान..
मिलेगा विरासत में मेरी ..!
5 अप्रैल 2022
ख़्वाब कुछ टूटे हुए ..
कुछ ज़ख़्म रिसते हुए ..
हर्फ़ कुछ पन्नों पे बिखरे हुए ..
यादों के सूखे चंद फ़ूल ..
बस ऐसा ही कुछ समान..
मिलेगा विरासत में मेरी ..!