सफ़र अकेले करना है..
कुछ दुआयें लिए चलना..
साथ फूलों की महक थोड़ी ..
ज़रा मासूम सी हंसी ..
आँख में नमी शबनम सी ..
बस यूँ हो सफ़र की त्यारी अपनी ..
दूर कहीं सितारों से आगे साथी
है घर शायद ..
बस कुछ देर इस जमीं से
हो के गुजरना है ..
सफ़र तो अकेले ही करना है ..!