छोटी सी ये ज़िंदगी ..
उससे भी छोटा मन ..
पर विचारों का अथाह समंदर
कभी ख़ुशी की लहर..
कभी ग़म का क़हर..
वही लहरें.. परिस्थितीवश
टपकतीं हैं आँखों से ..
छोटे छोटे आँसू बन बन ..
इनही झंजावातों से जूझते..
ना जाने कब ..
थम जाए ये धडकन..
चल मुस्कुरा लें यहाँ..
छोटे से फ़ूल की तरह ...
जैसे मुस्कुराती है ..
उसपे छोटी सी ''शबनम''..।