काला धन बहुत हीं करिश्माई सब्द है पता नहीं कितने नेता इस सब्द का इस्तेमाल कर अपनी राजनीतिक नैइया को पार लगा चुके हैं और कितने इसका इस्तेमाल कर अपनी काली करतूतों पर पर्दा डालनें की कोशिस कर रहें हैं, काला धन देश को कभी प्राप्त नहीं हो सकता क्योकि काला धन उन्हीं का है जो देश की सासन में अहम भूमिका निभाते हैं, कोई भी राजनीतिक दल इस काले धन से अछूते नहीं हो सकतें, बड़े बड़े कारपोरेट घराना भी इस खेल में सामिल हैं।
साशन चाहे किसी का भी हो कला धन प्राप्ति के लिय उचित कारवाई नहीं कर सकते, सभी राजनीतिक दल इस सब्द का इस्तेमाल कर अपना राजनीतिक रोटियाँ सेकना चाहतें हैं, सत्ता और विपक्छ में परिवर्तन होता रहेगा इस सब्द के राजनीतिक इस्तेमाल नहीं, किसी ने इसके कमाल से सत्ता प्राप्त किया कोई इसका इस्तेमाल अपने उपर लगे गरीब जनता के चीट फंड के आरोप का बदला लेने के लिय कर रहा है, इस काले धन का कामल देखो लोग सर्दी में काला छतरी का इस्तेमाल करने लगे, नेता जी फैन्सी चादर के बजाय काला चादर ओढ संसद की गरिमा बढाने में कोई कसर नहीं छोड़ा।
सबसे ज्यादा हंसी तो तब आती है जब सत्ता में रहते हुये कुछ ना करने वाले इस मुद्दे पर बहस करना चाहतें हैं