हैलो प्यारी
सो तो नहीं गई बहुत देर हो गई ना क्या करू नींद नहीं आ रही तो सोचा तुमसे बतिया लू जरा देर मैं और मेरा सर्वोत्तम दोस्त अब दोस्ती की बात है तो एक ही तो नाम आता है
तुम तो जानती ही हो तुम्हे तो को बताने की जरूरत ही नहीं रही कौनसा नाम और कौन है वो और ये रचना किस के लिए है बिलकुल सही it's only for my sweetu🤗🤗💖💖😘😘😘😘😘😘😘😘😍😍😍😍😍😍 जुड़ा दिल से दिल का नाता है
सच्ची दोस्ती के सांचे में एक शख्स
ढल पाता है
वो दिल तो मैं धड़कन
सांसों की डोरी से जुड़ा जैसे तन
जो कभी थे अजनबी अनजान
जाने कब बन बैठे एक दूजे की जान
मेरी चाहत पूरे हो उसके सारे अरमान
वो चाहे मुझे मिले ख्वाबों का जहां
हर सुख दुख में साथ निभाए
मन की अनकही बात समझ जाए
सही गलत के आंकड़े में नहीं आंकते
बस समझकर दिल बात दिल में ही है झांकते
बेझिझक उसे दिल की बात बताऊं
पुरे अधिकार से उस पर हक भी जताऊं
क्या सोचे मेरी बातों पर ख्याल न ये मन में लाऊं
कोशिश करती हूं ख्वाहिश उसकी मैं भी समझ जाऊं
मन की भाषा पढ़ने की है शायद उसने पढ़ाई
शायद इस लिए होती नहीं हमारी लड़ाई
दोस्ती का बस एक ही कायदा
किया एक दूजे से ये वायदा
बातों में ना किसी के आए
उलझन अपनी खुद हम सुलझाए
दोस्ती ये इस अनमोल रिश्ते में
आए न कोई दरार
ऐसा अटूट रिश्ता हो तेरा मेरे यार
रिश्ता सबसे प्यारा बड़ा ही है नायब
जिसमे सिर्फ प्रेम प्रेम और प्रेम है बेहिसाब
रंजीशे कभी कोई आ ना पाए दोनो के दरमिया
बेमिशाल रिश्ता ये कैसे शब्दो करे बयान
बेमतलब का ये रिश्ता जिसमें नही कोई स्वार्थ
एक दूजे की खुशी ही सच्ची दोस्ती का है अर्थ
दोस्ती और दोस्त नहीं सिर्फ कोई शब्द
ये तो होता है एक जज़्बात
जिसमें होती प्यार और अपनेपन की बात