डियर काव्यांक्षी
कैसी हो प्यारी🥰 मैं लोगों की लाख कोशिशों के बाद भी अच्छी हूं प्यारी,😀वैसे तो मैं खुद में मस्त और मग्न रहने वाले लोगों में से हूं काव्यांक्षी दोस्तों के लिए जान हाजिर है। वो मन को न भाए वो आसानी से कोई मुझसे करवा के दिखाए। पर अपनों के खातिर आत्सम्मान भी साइड करने में परहेज नहीं करती। किसी को खुद से छेड़ते नहीं जो हमें छेड़े फिर उन्हे छोड़ते नहीं कोई बेवजह हमारी जिंदगी में परेशानी खड़ी करेगा या कुछ बोले तो सुनने के तैयार भी रहना चाहिए न काव्यांक्षी😊
अब कब तक सहे किसी की बेतुकी बातें जब सहने की लिमिट खत्म हो जाएगी तो जवाब तो देंगे ही ना कुछ लोगों को लगता है अपनी मनमानी करेंगे और हम चुपचाप सहेंगे तो उनकी गलतफहमी है काव्यांक्षी खामोश है इसका मतलब ये कतई नहीं की हमारे पास जवाब नहीं । एक ही सिद्धांत है प्यारी अपना तो जो व्यवहार हमारे साथ करे उसका दुगना लौटाओं फिर चाहे प्यार हो या नफ़रत या बिना सिर पैर की बातें सामने वाले को उन्ही के अंदाज में जवाब देने वालों में से है प्यारी कोई प्यार जताएं तो प्यार की बरसात क्या सुनामी ला दे । और नफरत के बदले तबाही
अब क्या करू जरा सी अजीब हूं
अपने और अपनों के करीब हूं
किसी की आंखों में अखरती हूं
इसी अदा से और निखरती हूं
अपनों को जान हूं
फेरेबियों के लिए बईमान हु
ईंट का जवाब
पत्थर नही यारों चट्टान है
उलझी कुछ ,कुछ सुलझी पहचान है
जरा जरा सी खट्टी तो मीठी भी कमाल हूं
जैसी भी हूं अपनेआप में बेमिसाल हूं
ठंडी हवाओं के झोंके सा सुकून हूं
उलझे तो तबाही का जुनून हूं
अब चलती हू काव्यांक्षी फिर मिलते है मन की नई लहरों को शब्दों का साहिल देने को
काव्या