डियर काव्यांक्षी
शुभ दोपहरी प्यारी , पता है आज का विषय है दोस्ती अनमोल गहना ,सच ही तो है प्यारी दोस्ती की रिश्ता रब की रहमत ईश्वर का वरदान है सच्चा दोस्त जीवन में मिल जाए तो जीवन का मुश्किल दौर भी ही जाता आसान है,मेरे दोस्ती के रिश्ते से तुम अनजान नहीं ही तुम्हे तो पता ही तुम्हारे सिवा एक ही बेस्टी है मेरे लिए वहीं एक बहुत बहुत खास है पर काव्यांक्षी एक दोस्त ओर भी है जिसके बारे में भी तुम्हे बताना चाहती हूं
काव्यांक्षी वो शख्स है भारती वैसे तो पहली बार मुझे वो प्रतिलिपि पर मिली थी पर उस वक्त हमारी इतनी बात नहीं हुई थी, शब्द मंच के जरिए हम करीब आए उससे बात कर के बहुत अच्छा लगा बहुत प्यारी है वो इतना sweetly बात करती है ना क्या कहूं उसके लहजे में जैसे मिश्री सी मिठास घुली है, हम कभी रूबरू नहीं मिले ओर नहीं पता कभी मिलेंगे या नहीं हां मिलना जरूर चाहती हूं, अपनी इस दोस्त से,
ऑनलाइन दोस्ती भी इतनी प्यारी होती है , मैंने इन दोस्तों से मिल कर जाना , ये दोस्ती ऐसी है , बस एक दूसरे के दिल में रहने की चाहत और कुछ भी पाने की ख्वाहिश नहीं है जिसमें अपनेपन प्यार के सिवा ना कोई उम्मीद ना कोई शर्त
कहते है ना सच्ची दोस्ती मे no camplens n no demands बस दोस्ती दिल से निभाते जाओ
इसलिए तो दोस्ती एक अनमोल गहना है
मै खुशनसीब हूं जो मुझे सच्चे दोस्त मिले thank you so यारा इतनी प्यारी दोस्ती का हिस्सा बनने के लिए
भारती आपसे इतना ही कहूंगी
दोस्ती है अनमोल गहना
यू ही आजीवन साथ रहना
ना कोई मिलावट ना ही है कोई बनावट
रिश्ता ये प्यारा दिल को देता राहत
आजीवन का ये साथ
तेरी मेरी दोस्ती में है बसे है
सच्चे एहसास
माना हुई नहीं रूबरू मुलाकात
पर दिल के दिल के रिश्ते कहां होते है
मिलने को मोहताज
काव्या