डियर काव्यांक्षी
शुभ संध्या प्यारी 😊 कैसी हो । मै भी अच्छी हूँ। त्यौहार की वजह से तुमसे बात करने का वक्त ही नहीं मिल पा रहा पर आज वक़्त से जरा नज़रें बचा कर आ गई तुमसे बतियाने, आज का विषय देखा काव्यांक्षी सलमान रुश्दी सच बताऊँ मुझे तो इनके बारे मे कोई जानकारी नहीं थी
तब अपने सर्व ज्ञानी गूगल बाबा से मदद लेने पहुंची वहाँ पता चला वे एक भारतीय संग्रहकार और वस्तुकार हैं। सलमान रुश्दी एक ब्रिटिश भारतीय उपन्यासकार और निबंधकार हैं उन्होंने अपने दूसरे उपन्यास मिडनाइट्स चिल्ड्रन (1981) से प्रसिद्धि प्राप्त की, जिसे 1981 में बुकर पुरस्कार मिला फिर अब इतना कुछ था उनके बारे क्या क्या बताऊँ तुम्हे,
पर काव्यांक्षी उनके कुछ कथन जो औरतों के बारे लिखे थे बहुत अच्छे लगे वैसे तो सारा कुछ उनका लिखा उनके ख्याल सब अपने आप मे उम्दा है पर थोड़ा जो पढ़ पाई उनमें वो कथन बड़े ही अच्छे लगे जो तुमसे साझा करने है रही हूँ तुम्हें भी पसंद आएंगे।
मुझे लगता है कि घूंघट महिलाओं से सत्ता छीनने का एक तरीका है
स्त्री रोग प्रबंधन से दूर जाने का एक तरीका है
जब विचार अत्यधिक पीड़ादायक हो जाए तो कर्म ही सर्वोत्तम उपाय है
काव्यांक्षी जब उनकी हत्या के बारे पढ़ा तो बड़ा बुरा लगा उसमे वजह बतायी गई कि इस्लाम धर्म के खिलाफ लिखा या बोला तो जान लेवा हमले और फिर हत्या
और उनकी किताब की आयत पर रोक लगाना जिसने उनकी किताबों का अपनी भाषा मे अनुवाद करना चाहा उन पर भी हमले कितनी शर्म की बात है ना काव्यांक्षी जब किसी महान शख्सियत की ऐसी दुर्दशा होती है बड़ा दुःख होता है ऐसा पढ़कर खैर जितना पढ़ा सब विस्तार में बताना तो मेरे लिए संभव नहीं है काव्यांक्षी
चलो अब जाने का समय हो रहा है अच्छा लगा तुमसे बात कर के प्यारी फिर जल्दी ही मिलेंगे अपना ख्याल रखना 🥰😘
काव्या